- एमसीडी कर्मचारियों की जीपीएफ राशि पर AAP ने भाजपा से पूछे सवाल
- पूछा -उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों का जीपीएफ का क्या हुआ
- विधायक सौरव भारद्वाज ने कहा-खाते में केवल 28 करोड़ रुपए उपलब्ध हैं
नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के जीपीएफ को लेकर आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों के जीपीएफ में 1232 करोड़ रुपए की जगह सिर्फ 28 करोड़ रुपए उपलब्ध हैं। भारद्वाज का दावा है कि एमसीडी के भाजपा नेता 2014 से कर्मचारियों का जीपीएफ जमा नहीं करवा रहे हैं। भाजपा शासित एमसीडी ने काफी कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद भी जीपीएफ नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता बताएं कि निगम कर्मचारियों के जीपीएफ का 1200 करोड़ रुपए कहां गया? एमसीडी में जिस नई पार्टी की सरकार बनेगी, वह यह पैसा कहां से लेकर आएगी।
सौरव भारद्वाज ने भाजपा से पूछे सवाल
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में गुरुवार को प्रेस वार्ता को संबोधित किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि प्राइवेट हो या सरकारी, हर कर्मचारी का जीपीएफ कटता है। इसमें एक हिस्सा कर्मचारी की तनख्वाह से कटता है और दूसरा हिस्सा एंप्लॉयर को जमा कराना होता है। एक कर्मचारी के लिए सेवानिवृत्त होते समय जीपीएफ के पैसे को लेकर बड़ी उम्मीद होती है। कर्मचारी सोचता है कि सेवानिवृत्त होने के बाद जीपीएफ के पैसे से बच्चों की शादी करूंगा, मकान बनाउंगा, काम-धंधे के अंदर पैसे लगाऊंगा और जीवन के दूसरे बड़े काम करूंगा, जिन्हें नौकरी में रहते हुए नहीं कर पाया हूं।
'कर्मचारियों के जीपीएफ में होने चाहिए 1232.45 करोड़ रुपए'
उन्होंने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष ने सवाल पूछा कि कर्मचारियों का जीपीएफ का कितना पैसा होना चाहिए? जिसका जवाब आया कि 1232.45 करोड़ रुपए कर्मचारियों का जीपीएफ होना चाहिए। इसके बाद सवाल पूछा कि जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं, उनका कितना पैसा बकाया है। क्योंकि ऐसे काफी कर्मचारी हैं जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन उनको जीपीएफ नहीं दिया गया है। तब जवाब दिया कि उनकी करीब 38.24 करोड़ रुपए की देनदारी है।
जीपीएफ खाते में मात्र 28 करोड़ रुपए उपलब्ध -भारद्वाज
विधायक ने पूछा कि 1232 करोड़ रुपए में से अभी आपके पास कितना पैसा है। हैरान करने वाली बात यह है कि 1232 करोड़ की जगह, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास इस समय मात्र 28 करोड़ रुपए उपलब्ध हैं। बाकी का 1200 करोड़ रुपए कहां गया? यह पैसा कहीं और नहीं जा सकता है। यह पैसा कर्मचारी को देना होता है या फिर संस्थान के पास में होता है। इसके अलावा जो सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 38 करोड़ देना है, उसके एवज में मात्र 28 करोड़ बचे हैं।
'2014 से खातों में जमा नहीं है पैसा'
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि हमने इसके बाद सवाल पूछा कि 2014 से अब तक कितना पैसा इस खाते में जमा किया गया है। हैरानी की बात है कि 2014 से लेकर अब तक इस खाते के अंदर कोई पैसा जमा नहीं कराया गया है। कर्मचारियों की तनख्वाह से पैसा काटा जा रहा है, लेकिन जमा नहीं कराया जा रहा है। सरकार तो बहुत बड़ी चीज है, यदि कोई प्राइवेट कंपनी भी जीपीएफ का पैसा जमा नहीं कर आएगी तो उसके ऊपर फौजदारी का मुकदमा और जेल होती है। एमसीडी के भाजपा नेता 2014 से जीपीएफ जमा नहीं करवा रहे हैं। उन्होंने ना सिर्फ दिल्ली वालों को लेंटर, झाड़ू लगाने, कूड़े के पहाड़ों में लूटा बल्कि अपने कर्मचारियों को भी नहीं छोड़ा है।
आदेश गुप्ता बताएं कहां गए पैसे-सौरव
उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता बताएं कि निगम कर्मचारियों का 1200 करोड रुपए कहां गया? इस पैसे को कहां से लेकर आएंगे। इस पैसे को 'गायब' कर एमसीडी से भाजपा चली जाएगी। एमसीडी में जो नई पार्टी आएगी और जिसकी सरकार बनेगी, वह यह पैसा कहां से लेकर आएंगी। यह बेहद गंभीर सवाल है।