नई दिल्ली: दिल्ली-NCE में वायु प्रदूषण का असर दिखने लगा है। पिछले कुछ दिनों में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब हुई है। रविवार को दिल्ली में हवा में गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में आ गई। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता मॉनिटर सिस्टम के अनुसार, सुबह 6:30 बजे शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 304 पर पहुंच गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर बताया कि किस तरह पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। वो लिखते हैं कि प्रदूषण खराब श्रेणी में चला गया है। दो तस्वीरों के माध्यम से वो बताते हैं कि 13 अक्टूबर को पराली जलाने की घटनाएं कम थीं, जो कि 16 अक्टूबर को काफी बढ़ गईं।
वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के अनुसार, दिल्ली की हवा में पराली जलाने का योगदान अचानक बढ़कर 14% हो गया है। केंद्र द्वारा संचालित प्रदूषण निगरानी प्रणाली के अनुसार रविवार को सुबह 6:30 बजे 10 और 2.5 माइक्रोन व्यास वाले पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) की सांद्रता क्रमशः 253 (खराब श्रेणी) और 125 (बहुत खराब श्रेणी) दर्ज की गई।
PM2.5 कणों की सांद्रता दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में 306 और मथुरा रोड क्षेत्र में 329 दर्ज की गई, दोनों 'बहुत खराब' क्षेत्र में आते हैं। इस बीच, आयानगर, आईआईटी दिल्ली और लोधी रोड में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई, जिसमें पीएम2.5 की सांद्रता क्रमश: 259, 256 और 293 दर्ज की गई। इसी तरह उत्तर प्रदेश के नोएडा में भी वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रही, जिसमें पीएम10 और पीएम2.5 की सांद्रता क्रमश: 314 और 313 थी। हरियाणा के गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' दर्ज की गई।
इन बातों का रखें ध्यान
SAFAR ने स्वास्थ्य सलाह में कहा कि संवेदनशील लोगों को बाहर की सभी शारीरिक गतिविधियों से बचना चाहिए और घर के अंदर ही रहना चाहिए। अस्थमा के रोगियों से दवाओं को संभाल कर रखने का आग्रह किया गया है। सफर ने कहा कि सामान्य तौर पर लोगों को किसी भी असामान्य खांसी, घरघराहट, सांस लेने में कठिनाई, सीने में परेशानी या थकान का अनुभव होने पर किसी भी गतिविधि को बंद कर देना चाहिए।