- रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ कैंपेन की औपचारित शुरुआत
- दिल्ली में करीब 1 करोड़ पंजीकृत वाहन
नई दिल्ली। स्वच्छ हवा और साफ पानी हर एक शख्स का मौलिक अधिकार है। लेकिन सर्दियों की आहट के साथ ही स्वच्छ हवा को स्मॉग अपनी गिरफ्त में ले लेता है। अगर बात दिल्ली की करें तो हालात और खराब हो जाते हैं। दिल्ली में हर एक इंसान को स्वच्छ हवा मिले इसके लिए जरूरी है कि वायु की गुणवत्ता खराब न हो। दिल्ली सरकार का कहना है कि उसके पास जितने भी उपलब्ध साधन है उसका इस्तेमाल कर रही है। उसी क्रम में रेड लाइट ऑन और गाड़ी ऑफ के अभियान को बुधवार यानि 21 अक्टूबर 2020 से शुरू किया गया है।
राजधानी के सड़कों पर सिविल डिफेंस से जुड़े लोग हर चौराहों पर कार और बाइक सवारों को गुलाब के फूल के जरिए अपील कर रहे हैं कि जब तक रेड लाइन ऑन है वो अपवे वाहन के इंजन को बंद कर दें। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने दिलचस्प दलील भी दी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में बताया था कि राजधानी में करीब 1 करोड़ पंजीकृत वाहन हैं। अगर 10 फीसद वाहन रेड लाइट ऑन रहने के दौरान अपनी गाड़ी बंद कर लें तो साल भार के बराबर पीएम 10 के उत्सर्जन को रोका जा सकता है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि सीपीसीबी के दिशानिर्देशों के मुताबिक डीजल जेनसेट को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा एंटी स्मॉग गन और ज्यादा प्रदूषण वाली जगहों पर एयर प्यूरिफायर लगाए जाएंगे। दिल्ली सरकार के मुताबिक प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्य भी जिम्मेदार हैं. जिस तरह से पराली को जलाया जा रहा है उसके असर से इंकार नहीं किया जा सकता है।