- दिल्ली में कोविड-19 के मामले 60,000 के करीब पहुंच गए हैं
- दिल्ली में अभी तक कुल 2,175 लोग की मौत हुई है
- दिल्ली में अभी तक कुल 3,70,014 नमूनों की जांच की गई है
नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना के हालातों पर चर्चा करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की। अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिल्ली में कोविड कंटेनमेंट रणनीति पर डॉ. पॉल समिति ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट के अनुसार कंटेनमेंट जोन्स का नए सिरे से परिसीमन हो, इनकी सीमा पर और इनके अंदर की गतिविधियों पर सख्ती से निगरानी और नियंत्रण रखा जाए।
इस बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने हिस्सा लिया।
30 जून तक कंटेनमेंट जोन्स का सर्वे
पूरी दिल्ली में एक सेरोलॉजिकल सर्वे 27.06.2020 और 10.07.2020 के बीच कराया जाएगा, जिसमें 20,000 लोगों की सैंपल टेस्टिंग होगी। इसके द्वारा दिल्ली में संक्रमण के फैलाव का आंकलन हो सकेगा और एक व्यापक रणनीति निर्धारित की जा सकेगी। दिल्ली के प्रत्येक जिले को एक बड़े अस्पताल से जोड़ा जाएगा। दिल्ली सरकार 22.06.2020 तक एक योजना निर्धारित करे, 23.06.20 तक जिला स्तरीय टीमों का गठन करे, 26.06.2020 तक सभी कंटेनमेंट जोन्स का संशोधित परिसीमन करे। 30.06.2020 तक कंटेनमेंट जोन्स का सर्वे करे।
संक्रमितों को कोविड सेंटर जाना होगा
बैठक के बाद गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया, 'सभी कोविड पॉजिटिव मामलों को पहले COVID सेंटर जाना होगा और जिन लोगों के घरों में उपयुक्त व्यवस्था है और जो किसी अन्य को-मोरबिडिटी से ग्रस्त नहीं है उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जाए। कितने लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया है, इसकी जानकारी भारत सरकार को दी जाए।'
सभी संक्रमित व्यक्तियों की होगी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग
गृह मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली सरकार हर मृतक का आकलन कर बताए कि उसे कितने दिन पहले कहां से अस्पताल लाया गया था। यदि वह होम आइसोलेशन में था, तो उसे सही समय पर लाया गया था या नहीं। सभी संक्रमित व्यक्तियों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और क्वारंटाइनिंग करने के लिए आरोग्य सेतु और इतिहास ऐप का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। कंटेनमेंट जोन्स के बाहर प्रत्येक घर की सूची लगाई जाए। कोविड मरीजों को अस्पताल, कोविड सेंटर या होम आइसोलेशन में रखा जाए।