- राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, सेक्टर 10 द्वारका, दिल्ली को रैंकिंग में पहला स्थान
- मनीष सिसोदिया बोले- रैंकिंग में टॉप 10 में से 4 स्कूल दिल्ली के शामिल
- कई बिंदुओं को शामिल कर जारी की गई है सरकारी स्कूलों की रैंकिंग
नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूल राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय द्वारका सेक्टर 10 को देश के सरकारी स्कूलों की रैंकिंग ( School Rankings 2021) में प्रथम स्थान मिला हैं , इसके अलावा दिल्ली के तीन अन्य राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय को भी टॉप 10 में जगह मिली हैं। द्वारका का राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय 2020 में दूसरे नम्बर पर था और 2019 में पहले स्थान पर था। इस साल इसे पहला स्थान मिला हैं। स्कूल में सफ़ाई, प्लांटेशन, बच्चों की सुरक्षा, प्रतिभा, प्रशिक्षण पर ख़ासा ज़ोर दिया जाता हैं।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए कहा, 'देश भर के सरकारी स्कूलों की रेटिंग में पहले नम्बर पर है दिल्ली सरकार का स्कूल. टॉप-10 स्कूलों में से चार सरकारी स्कूल दिल्ली के हैं। बधाई दिल्ली। दिल्ली की टीम एजुकेशन को भी बधाई।'
इन गतिविधियों पर दिया जाता है विशेष जोर
स्कूल में घुसते ही एंट्री पर स्कूल का मज़बूत ढाँचा, वॉल पर रंग रोगन हर तरह का मेसिज और पेंटिंज़ बच्चों द्वारा बनाई गई दिवारों पर शोभित हैं । स्कूल में कौशल विकास, स्पोर्ट्स ऐक्टिविटी सब पर जोर दिया जाता हैं। स्कूल में केमिस्ट्री लैब, बायो लैब, योगा , म्यूज़िक हर तरह की ऐक्टिविटीज़ हैं बच्चों के लिए जो किसी भी निजी स्कूल के मुक़ाबले बेहतर हैं। स्कूल में अविष्कार लैब भी हैं जो IIT कानपुर से collabrate करके बनाई गई हैं जिसमें साइंस में रुचि रखने वाले छात्रों को नए अविष्कार के लिए ट्रेनिंग भी दी जाती हैं।
ऐसा है स्कूल
राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय द्वारका सेक्टर 10 का स्कूल 16036.74 वर्गमीटर में फैला हुआ है। स्कूल में कुल 46 शिक्षक हैं जिसमें से पुरुष टीचर की संख्या 21 और महिला टीचर की संख्या 25 हैं। वहीं स्कूल में छात्रों की संख्या 550 हैं जिसमें 289 छात्र तथा 261 छात्राएं शामिल हैं।
इन बिंदुओं पर हुआ था सर्वे
स्कूल के शिक्षकों की माने तो पहला स्थान पाकर बेहद ख़ुश हैं दोनो अध्यापक और छात्र भी। शिक्षकों की माने तो स्कूल के प्रथम स्थान पर आने की मुख्य वजह स्कूल में टीम वर्क, शिक्षकों और छात्रों के बीच टीम की तरह काम करना है। टीचर्स की माने तो सर्वे में छात्रों से उनके पेरेंट्स से और शिक्षकों से सबसे पूछा गया था, कुल 14 बिंदु थे सर्वे के जिसके बेसिस पर आँकलन हुआ, जितने स्टेकहोल्डर्स थे सब इस सर्वे का हिस्सा थे।