दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के मुख्य आरोपियों की कोर्ट में पेशी हुई है। अंसार और असलम की पुलिस हिरासत 2 दिन बढ़ाई गई है। रोहिणी कोर्ट में आज पेश किए गए 4 और आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि अंसार व असलम से हथियार की और बरामदगी करनी है। साथ ही सोनू फरार है और सोनू को खोजने के लिए असलम और अंसार की मदद की जरूरत होगी। साथ ही पैसा कैसे जुटाया गया और कहां से हथियार का इंतजाम किया गया और सोनू कहां फरार है, इसकी जानकारी चाहिए होगी। दिल्ली पुलिस ने अब तक 25 लोगों की गिरफ्तारी की है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा कि जहांगीरपुरी घटना की हर एंगल से जांच के लिए हमने 14 टीमों का गठन किया है। इसमें शामिल किसी को भी वर्ग, पंथ और धर्म के आधार पर बख्शा नहीं जाएगा। मामले की सभी एंगल से जांच की जाएगी और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हिंसा में भाग लेने वाले हर व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाए।
पुलिस प्रमुख ने इन दावों का भी खंडन किया कि हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान जहांगीरपुरी की एक स्थानीय मस्जिद में भगवा झंडा फहराने का प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोग स्थिति को तनावपूर्ण बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने लोगों से इन पर ध्यान न देने की अपील की।
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आपोरी के परिवार ने किया पथराव
जहांगीरपुरी में झड़पों के दौरान कथित तौर पर गोलियां चलाने वाले एक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों ने सोमवार को उस समय पथराव किया, जब पुलिसकर्मी जांच के लिए उनके घर गए। डीसीपी उषा रंगनानी ने कहा कि 17 अप्रैल से सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा था, जिसमें एक व्यक्ति (नीले कुर्ते में) 16 अप्रैल को जहांगीरपुरी इलाके में दंगों के दौरान गोलियां चला रहा था। जिस जगह पर 16 अप्रैल को दंगे हुए थे, वह अभी भी भारी सुरक्षा घेरे में है। यहां तक कि कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा कि जब तक स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो जाती, तब तक भारी संख्या में पुलिस वहां रहेगी।