नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीर पुरी हिंसा मामले में DCP एनडब्ल्यू उषा रंगनानी ने बताया कि 17 अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल दिल्ली प्रांत के आयोजकों के खिलाफ बिना अनुमति के जुलूस (थाना जहांगीरपुरी क्षेत्र में 16 अप्रैल की शाम) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस का कहना है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है और जो भी दोषी हैं इस मामले में उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Jahangirpuri Violence: कौन है 'सोनू चिकना' जो हिंसा वाले दिन फायरिंग करते हुए आया था नजर, फिलहाल फरार-VIDEO
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली की पुलिस उपायुक्त ने कहा- 'स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है'
वहीं उत्तर-पश्चिमी दिल्ली की पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने कहा स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। रंगनानी ने कहा कि कुछ रिपोर्ट में सोमवार को हुई पथराव की घटना के बारे में तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। यह एक छोटी सी घटना थी। इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
'हिंसा में शामिल लोगों को वर्ग, पंथ या धर्म के आधार पर बख्शा नहीं जाएगा'
दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के अनुसार जहांगीरपुरी हिंसा के सिलसिले में अब तक दोनों समुदायों के 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों को वर्ग, पंथ या धर्म के आधार पर बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस आयुक्त ने इन दावों का भी खंडन किया कि हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान जहांगीरपुरी की एक स्थानीय मस्जिद में भगवा झंडा फहराने का प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोग स्थिति को तनावपूर्ण बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने की कोशिश कर रहे है।इस पर लोगों को ध्यान नहीं देना चाहिए।
इस सिलसिले में 14 टीमों का गठन किया गया है
पुलिस आयुक्त ने कहा कि जहांगीर पुरी हिंसा मामले की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई है और इस सिलसिले में 14 टीमों का गठन किया गया है। चार फोरेंसिक टीमों ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर सबूत इकट्ठा किये हैं। अस्थाना कहा कि सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल जानकारी के विश्लेषण के माध्यम से सभी तरीके से मामले की जांच की जाएगी।