नई दिल्ली: एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता ताहिर हुसैन और पांच अन्य के खिलाफ फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई हिंसा से संबंधित एक मामले में आरोप तय किए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने हुसैन और पांच अन्य आरोपियों- अनस, फिरोज, जावेद, गुलफाम और शोएब आलम के खिलाफ आरोप तय करते हुए कहा कि हुसैन मूकदर्शक नहीं थे बल्कि दंगों में सक्रिय भाग ले रहे थे और अवैध सभा में शामिल सदस्यों को उकसा रहे थे।
आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें धारा 120बी (आपराधिक साजिश) 147 (दंगा फैलाने के लिए सजा) 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस) 427, 435 (आग या विस्फोटक पदार्थ से उन्माद फैलाना) आदि शामिल हैं।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि ताहिर हुसैन के घर से पत्थर, पेट्रोल बम आदि फेंके गए थे। इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि आरोपी ताहिर हुसैन न केवल एक साजिशकर्ता है, बल्कि एक सक्रिय दंगाई भी है। वह मूकदर्शक नहीं था, बल्कि दंगों में सक्रिय भाग ले रहा था और गैरकानूनी सभा के अन्य सदस्यों को दूसरे समुदाय के लोगों को सबक सिखाने के लिए उकसा रहा था।
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दिल्ली हिंसा के बाद हुसैन की भूमिका सामने आई थी और उनके घर से पुलिस ने कई पेट्रोल बम और तेजाब के पाउच बरामद किए थे। पूर्वोत्तर दिल्ली के खजूरी खास इलाके में उनके घर का इस्तेमाल हिंसा के दौरान पथराव और पेट्रोल बम फेंकने के लिए भी किया गया था। 27 अगस्त, 2020 को पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) ने हुसैन की सदस्यता रद्द कर दी थी और वह अब आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद नहीं हैं। दंगों के बाद उनका नाम सामने आने के बाद उन्हें पद से निलंबित कर दिया गया था।
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