- डेंगू के रूप में हुआ है बदलाव, ज्यादातर मरीजों को आईसीयू की जरूरत
- इस वर्ष राजधानी दिल्ली में डेंगू के 1500 से अधिक केस
- डेंगू के ज्यादा केस वाले राज्यों पर केंद्र सरकार की भी नजर
दिल्ली में डेंगू के मामले में पिछले साल की तुलना में इजाफा हुआ है। यूं कह सकते हैं कि मामला गंभीर है। दिल्ली के मशहूर अस्पताल सर गंगा राम हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट पूजा खोसला बताती हैं कि पिछले साल कोविड 19 प्रतिबंधों की वजह से लोग सजग और सतर्क थे। लेकिन इस दफा खास तौर से पिछले चार से पांच हफ्तों में हाला खराब हुए हैं। इस समय राजधानी में सिर्फ डेंगू के 1500 से अधिक केस हैं।
इस समय लोग डेंगू के एक नए वर्जन का सामना कर रहे हैं जिसमें तेज बुखार, ब्लीडिंग की दिक्कत, सांस की दिक्कत, पेट में दर्द, मितली और उलटी शामिल है। इसकी वजह से मरीज को आईसीयू की जरूरत पड़ रही है।
बिना आईजीजी डेंगू की नहीं हो पा रही पहचान
पूजा खोसला बताती हैं कि कुछ लोगों में डेंगू है लेकिन उनमें लक्षण नजर नहीं आए।हालांकि जब उन मरीजों का आईजीजी कराया गया तो पता चला कि उनमें डेंगू है। उन्होंने कहा कि अगर किसी में माइल्ड डेंगू है तो पता नहीं चल पाता। लेकिन इस तरह की स्थिति लोगों को परेशानी में डाल रही है।
अदालत ने पूछा था सवाल
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस संबंध में दिल्ली सरकार और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी किया। बता दें कि ऐसे राज्यों और यूनियन टेरिटरी को केंद्र सरकार की तरफ से खास मदद मिल रही है जहां पर डेंगू के मामले ज्यादा हैं। अदालत ने दिल्ली सररकार से पूछा कि आखिर इससे बचने के लिए क्या उपाय किया जा रहा है। अदालत के सामने सरकार ने उपायों का जिक्र किया और बताया कि अस्पतालों में किसी मरीज को परेशानी ना हो इसके लिए खास इंतजाम किए गए हैं। खासतौर से कोविड-19 के लिए जो बेड आरक्षित किए गए थे उन्हें भी इस्तेमाल में लाया जा रहा है। इसके अलावा सरकार लोगों को जागरूक करने का भी काम कर रही है।