Dengue in Delhi: दिल्ली में तीन साल बाद डेंगू के मरीजों में इजाफा देखने को मिल रहा है। अस्पतालों में मरीज लगातार ओपीडी पहुंच रहे हैं तो काफी संख्या में भर्ती भी हैं। दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में 70 डेंगू के मरीज भर्ती हैं और रोजाना 200 मरीज मेडिसिन वार्ड में और लगभग 100 मरीज कैज्यूल्टी में डेंगू के सिम्प्टम्ज के साथ अस्पताल दिखाने आते है।
अस्पताल में लगभग 200 बेड डेंगू के मरीजों के लिए हैं अलग से हैं। डाक्टर्स की मानें तो सबसे ज्यादा मरीज यूपी और हरियाणा से दिल्ली आ रहे हैं और इस साल इनकी संख्या काफी ज्यादा बढ़ी है। डॉक्टर की मानें तो अभी भी कई जगहों पर इन्सेक्ट ब्रीडिंग हो रही हैं इसलिए लगातार मामले बढ़ रहे हैं।
मरीजों के तिमारदारों से हमने बात की तो उनका कहना है की जिस जगह से वो आते हैं जैसे सीलमपुर, यमुना विहार यहां सब जगह पर साफ सफाई बिल्कुल भी नहीं है। लिहाजा इसी वजह से डेंगू हुआ है। आगे अगर परिस्थिति और खराब होती है तो उससे निपटने के लिए इमरजेंसी डेंगू वार्ड बनाया गया है, जिसमें 25 बेड हैं। ये करोना की थर्ड वेव को लेकर तैयार किया गया था लेकिन अब डेंगू के बढ़ते मरीजों को देखते हुए उसके लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
दिल्ली नगर निगम के डेथ ऑडिट रिपोर्ट की मानें तो अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में तीन लोगों की मौत डेंगू से हुई है और इन आंकड़ों को मिलाकर राजधानी में डेंगू से मारने वालों की कुल संख्या 9 पहुंच गई है। एलएनजेपी अस्पताल की डॉक्टर रितु सक्सेना की मानें तो इतने ज्यादा डेंगू के मामले 2018 में भी नहीं थे और तीन साल बाद अब इतने मामले देखने को मिल रहे हैं। यह आंकड़ा पिछले तीन साल में सबसे ज्यादा है। डेंगू से मरने वाले लोगों में एक 63 वर्षीय पुरुष, 12 वर्षीय बच्चा और दो वर्ष की एक मासूम भी शामिल है।