- दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार को कहा कि हमारे पास 9000 बेड तक की क्षमता
- सत्येंद्र जैन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विमानों पर समय रहते रोक लगनी चाहिए थी
- केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्लीवासियों का इलाज होगा
नई दिल्ली : दिल्ली के अस्पतालों में केवल यहीं के निवासियों का काविड-19 का इलाज किए जाने के अपने फैसले पर घिरी केजरीवाल सरकार ने अपना बचाव किया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ने यदि समय रहते अंतरराष्ट्रीय विमानों की आगमन पर रोक लगाई होती तो देश में कोविड-19 की स्थिति दूसरी होती। राजधानी में कोरोना के मामलों को देखते हुए दिल्लीवासियों को यहां के अस्पतालों की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्यों की स्थिति दिल्ली से बेहतर है इसलिए यह मसला नहीं होना चाहिए।
'हमारे पास 9000 तक बेड'
जैन ने कहा, 'हमारे पास 8,500 से 9000 तक बेड हैं। अगले 15 दिनों में हम इसे बढ़ाकर 15,000 से 17,000 कर लेंगे। चूंकि कोविड-19 के मरीजों की संख्या 14 से 15 दिनों में दोगुनी हो रही है। ऐसे में हमारा मानना है कि अगले दो सप्ताह में दिल्ली में कोरोना के केस बढ़कार 56,000 हो जाएंगे।' दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के कोविड अस्पतालों में केवल यहीं के नागरिकों का इलाज होगा। इस फैसले के बाद केजरीवाल सरकार अन्य राज्यों के निशाने पर आ गई है।
केजरीवाल ने कहा-केवल दिल्ली वालों का इलाज होगा
केजरीवाल ने रविवार को कहा कि केंद्र के अस्पतालों को छोड़कर दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्ली के लोगों का इलाज होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला राजधानी में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखकर लिया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने सोमवार से दिल्ली के बॉर्डर, रेस्तरां एवं मॉल्स खोले जाने की अनुमति दी। उन्होंने कहा, 'होटल और बैंक्वट हॉल को खोलने की इजाजत अभी नहीं होगी क्योंकि इन्हें अस्पतालों में तब्दील करने की जरूरत पड़ सकती है।'
केजरीवाल ने बॉर्डर खोलने की इजाजत दी
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि आज की कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में फैसला लिया गया। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 10,000 बेड्स की सुविधा है और इतने ही बेड्स की सुविधा उन अस्पतालों में है जो केंद्र सरकार द्वारा संचालित हो रहे हैं। हम सोमवार से दिल्ली की सीमा खोल रहे हैं। दिल्ली के अस्पताल केवल दिल्लीवालों के इलाज के लिए उपलब्ध रहेंगे। जबकि केंद्र सरकार के अस्पताल सभी के लिए उपलब्ध रहेंगे।