कल यानी 10 मार्च को उत्तर प्रदेश-पंजाब समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए। आज चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नतीजों पर प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा है कि भारत की लड़ाई 2024 में लड़ी जाएगी और यह किसी राज्य के चुनाव से तय नहीं होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा है। दरअसल, कल नतीजों के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि मैं आज ये भी कहूंगा कि 2019 के चुनाव नतीजों के बाद, कुछ पॉलिटिकल ज्ञानियों ने कहा था कि 2017 के नतीजों ने 2019 के नतीजे तय कर दिए। मैं मानता हूं इस बार भी वो यही कहेंगे कि 2022 के नतीजों ने 2024 के नतीजे तय कर दिए।
प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया कि भारत के लिए लड़ाई 2024 में लड़ी जाएगी और तय की जाएगी, ये किसी भी राज्य के चुनाव में तय नहीं होगी। साहेब यह जानते हैं! इसलिए विपक्ष पर एक निर्णायक मनोवैज्ञानिक लाभ लेने के लिए राज्य के परिणामों के आसपास अति उत्तेजना पैदा करने का यह चतुर प्रयास है। इस झूठे नैरेटिव में मत फंसिए या इसका हिस्सा मत बनिए।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 255 सीटों पर कब्जा किया है और सत्ता में वापसी की है। वहीं बीजेपी उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी सरकार बना रही है। नतीजों के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यूपी ने देश को अनेक प्रधानमंत्री दिए हैं, लेकिन 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री के दोबारा चुने जाने का ये पहला उदाहरण है। यूपी में 37 साल बाद कोई सरकार लगातार दूसरी बार आई है। तीन राज्य यूपी, गोवा और मणिपुर में सरकार में होने के बावजूद भाजपा के वोट शेयर में वृद्धि हुई है। गोवा में सारे एग्जिट पोल गलत निकल गए और वहां की जनता ने तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया है।
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जीत के बाद पीएम मोदी का भाषण
उन्होंने कहा कि इन चुनावों में राज्यों की महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने हमें आशीर्वाद दिया हैं, हमने उन क्षेत्रों में शानदार जीत हासिल की है जहां महिला मतदाताओं का दबदबा है। हमारी नारी शक्ति इस जीत में हमारी सहयोगी रही है। इन चुनावों में राज्यों की महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने हमें आशीर्वाद दिया है - हमने उन क्षेत्रों में शानदार जीत हासिल की है जहां महिला मतदाताओं का दबदबा है। हमारी नारी शक्ति इस जीत में हमारी सहयोगी रही है। कुछ लोग ये कहकर यूपी को बदनाम करते हैं कि यहां के चुनाव में तो जाति ही चलती है। 2014 के चुनाव नतीजे देखें, 2017, 2019 के नतीजे देखें और अब फिर 2022 में भी देख रहे हैं, हर बार यूपी के लोगों ने विकासवाद की राजनीति को ही चुना है।