- 2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी की हुई थी करारी हार
- समाजवादी पार्टी के आंकड़े 100 से नीचे था
- 2022 में समाजवादी पार्टी कई छोटे छोटे दलों से गठबंधन कर चुनावी मैदान में है।
यूपी में पहले चरण का चुनाव 10 फरवरी को होगा और सात मार्च को अंतिम चरण का चुनाव संपन्न होगा। 2022 के चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी गठबंधन में सीधी टक्कर बताई जा रही है। कोविड की वजह से राजनीतिक दल बड़ी बड़ी रैलियां नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन बयानों के जरिए एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इस चुनाव में लाल टोपी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बीजेपी के नेता बार बार कहते हैं कि लाल टोपी मतलब गुंडाराज की वापसी तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कहते हैं जिन लोगों को लाल टोपी में गुंडाराज की वापसी नजर आ रही है पहले तो वो गिरेबां में झांके और दूसरी तरफ उन्हें लाल टोपी का महत्व नहीं पता।
कमाल करने जा रही है यूपी की जनता
अखिलेश यादव ने लाल टोपी को लाल पोटली का जिक्र किया और कहा कि इस बार यूपी की जनता कमाल करने जा रही है।अनाज वाली यह 'लाल टोपी और लाल पोटली' उन्हें सबक सिखाएगी। बीजेपी को गिराने के लिए किसान तैयार हम उनसे बीजेपी को यूपी से दूर भगाने का आग्रह करते हैं ... बीजेपी को 0 (सीटें) मिलेंगी क्योंकि पश्चिमी यूपी के लोग बीजेपी का सूरज हमेशा के लिए सेट कर देंगे।
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि जब कोई पहलवान हारने लगता है तो हाथ-पैर फड़फड़ाता है, कभी काटता है, खरोंचता है या गला घोंटता है... यही तो बीजेपी कर रही है... लेकिन यूपी की जनता हमारे गठबंधन को ऐतिहासिक जीत का तोहफा देकर बीजेपी को पाठ पढ़ाएगी।
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क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि 2022 का चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए इसलिए अहम है कि इसके ठीक 2 साल बाद आम चुनाव होंगे। अगर पार्टी बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं होती तो आम चुनाव 2024 मुश्किल भरा होगा। 2024 के चुनाव में अखिलेश यादव की सीधी लड़ाई पीएम नरेंद्र मोदी से होगी। ऐसी सूरत में समाजवाादी पार्टी ने जिस तरह से जमीन पर सामाजिक समीकरणों को साधने की कोशिश है उसके जरिए 2022 के लक्ष्य को हासिल करना चाहती है। अब उस मकसद को हासिल करने के लिए बीजेपी की तरफ से जिन शब्दों के जरिए हमला किया जाता है उन शब्दों को ही हथियार बनाकर अखिलेश यादव यूपी की जनता को संदेश दे रहे हैं कि सही मायनों में उनका ही दल गद्दी का हकदार है।