- जिन्ना पर बयान देने के बाद राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गए हैं अखिलेश यादव
- एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है
- ओवैसी ने कहा कि भारत के विभाजन के लिए कोई और नहीं बल्कि जिन्ना जिम्मेदार हैं
मुरादाबाद : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के मोहम्मद अली जिन्ना वाले बयान पर उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। भाजपा के बाद अब ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने अब सपा अध्यक्ष पर निशाना साधा है। ओवैसी ने मुरादाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए गुरुवार को अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा अध्यक्ष को लगता है कि जिन्ना की बात कर वह यूपी चुनावों में मुस्लिम वोट हासिल कर लेंगे तो वह गलत सोचते हैं। उत्तर प्रदेश के मुसलमानों ने अपना फैसला सुना दिया है।
अखिलेश को इतिहास पढ़ने की सलाह
ओवैसी ने कहा, 'मैं अखिलेश यादव से कहना चाहूंगा कि वह इतिहास पढ़ लें। भारत को तोड़ने वाले और पाकिस्तान को बनाने वाले का नाम मोहम्मद अली जिन्ना था। कम से कम आपको इतिहास पढ़ना चाहिए। आप यूपी के पांच साल तक मुख्यमंत्री रहे। आप ऑस्ट्रेलिया से पढ़े। मैं कानून की पढ़ाई ब्रिटेन से करके आया हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि आप दोबारा से इस तरह की गलती नहीं करेंगे। उत्तर प्रदेश के चुनाव में जिन्ना कहां से आ गए। ये जिन्न कहां से पैदा हो गया, मुझे नहीं मालूम।'
'हमने जिन्ना के जिन्न को पाकिस्तान भगा दिया'
एआईएमआईएम नेता ने आगे कहा कि जिन्ना के जिन्न को तो हमने पाकिस्तान भगा दिया था। वह जिन्ना पर बयान दिए जा रहे हैं। हम लोग भारत को छोड़कर नहीं छोड़ जाएंगे। अखिलेश यादव को लगता है कि जिन्ना की बात करके वह यूपी चुनाव में मुस्लिमों का वोट हासिल कर लेंगे तो वह गलत सोचते हैं। यूपी के मुसलमानों ने अपना फैसला सुना दिया है।
अब राजभर ने दिया जिन्ना पर बयान
बता दें कि गत 31 अक्तूबर को हरदोई जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा था कि सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी और जिन्ना ने मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी और देश को स्वतंत्र करवाया। इस बयान के बाद अखिलेश भाजपा नेताओं के निशाने पर आ गए। अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी जिन्ना पर बयान दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर जिन्ना को देश का पहला प्रधानमंत्री बना दिया होता, तो देश का बंटवारा नहीं हुआ होता।