- 26/11 मुंबई हमले पर आधारित फिल्म होटल मुंबई को क्रिटिक्स काफी पसंद कर रहे हैं।
- फिल्म में अमनदीप सिंह ने आतंकवादी इमरान का किरदार निभाया है।
- अमनदीप ने बताया कि इस किरदार के लिए उन्होंने जंगल में रहकर तैयारी की थी।
मुंबई. 26/11 मुंबई आतंकी हमले पर आधारित फिल्म होटल मुंबई रिलीज हो गई है। फिल्म को क्रिटिक्स ने पसंद किया है। एंथनी मारस की फिल्म में ताज होटल के अंदर आतंकवादियों द्वारा की गई हत्याएं और बंधक बनाए गए मेहमानों की तकलीफ को दिखाया है। फिल्म में चारों आतंकियों में से इमरान के किरादर को तारीफ मिल रही है।
इमरान का किरदार अमनदीप सिंह ने निभाया है। वह पंजाब के लुधियाना शहर के रहने वाले हैं। उन्होंने अनुपम खेर एक्टिंग स्कूल से एक्टिंग सीखी है। अमनदीप के मुताबिक साल 2016 में उनका सिलेक्शन इस रोल के लिए हुआ था।
Times Now Hindi से बातचीत में अमनदीप ने बताया कि इस किरदार की तैयारी के लिए उन्हें जंगलों में रहना पड़ा। वह इस किरदार की तैयारी के दौरान इतने खो गए थे कि इसका असर उनकी रियल लाइफ पर भी पड़ा था।
आपको होटल मुंबई में ये रोल कैसे मिला?
मैंने पंजाब में पहले थिएटर किया। इसके बाद मैंने कुछ म्यूजिकल वीडियोज किए। इसके अलावा कुछ टीवी सीरियल में मैंने कैमियो रोल भी किए थे। इससे मुझे साल 2016 में ये ब्रेक मिला था। साल 2017 तक फिल्म की शूटिंग खत्म हो गई थी। फिल्म की ज्यादातर शूटिंग ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में हुई थी। इसके अलावा मुंबई में भी फिल्म का कुछ हिस्सा शूट किया गया था।
पहली ही फिल्म में आपने आतंकवादी का किरदार निभाया है। क्या आपको डर लगा कि इससे आपको लोगों की नफरत मिलेगी?
एक एक्टर के नाते मैं कहूं तो इस किरदार में काफी इमोशन है। उसका एक अपना सच है। कई बार आपके अंदर किसी चीज को लेकर नफरत भरी होती है, जो आप समाज को नहीं दिखा सकते हैं। ऐसे में रील लाइफ में इन किरदारों के जरिए आप दिखा सकते हैं।
मैंने अपने किरदार इमरान से काफी कुछ सीखा है। इमरान से कई लोगों ने सहानभूति भी दिखाई। कई लोगों ने मुझसे कहा कि तू कुछ नहीं कर रहा था तुझसे हैंडलर्स करवा रहे हैं।। इसके अलावा जब तुम्हें गोली मार रहे थे तो तुम्हें सरेंडर कर देना चाहिए था।
आपने इस किरदार की किस तरह से तैयारी की? क्या इसका असर आपकी रियल लाइफ पर भी पड़ा?
फिल्म की शूटिंग से पहले हम चारों एक्टर, जो आतंकवादी का किरदार निभा रहे हैं उनकी एक वर्कशॉप हुई। हमें हरीशचंद्रगढ़ नाम की जगह है, वहां के एक जंगल में भेज दिया गया। उस वक्त काफी बारिश हो रही थी। वहां हम केवल चार लोग थे।
हम लोगों को वर्कशॉप में एक टास्क दिया गया, जिसमें हमें प्लान करके अटैक करना था। इस दौरान हमें केवल कोड वर्ड्स में बात करना था। इसके अलावा अनुपम खेर ने जब मुझे और सोहेल को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी तो मैंने कहा कि हमारा तो निकल गया है। उस वक्त हमें लगा कि सही दिशा पर चल रहे हैं।
फिल्म के कुछ सीन्स की काफी चर्चा हो रही है। इनमें से एक है जब विदेशी महिला अपने मरे हुए पति के लिए सल्लाह पढ़ती है और आपका किरदार उस पर बंदूक ताने खड़ा है। इसकी शूटिंग किस तरह से हुई थी।
हमारे डायरेक्टर एंथनी मारस का हम पर काफी स्ट्रॉन्ग कमांड था। उन्होंने हमसे फिल्म के दोनों किरदार नाजनीन बोनिडी और आर्मी हेमर से बात करने नहीं दी थी। जिस जगह ये शूट हुआ वहां पर एक मेंटल हॉस्पिटल था। हमें एक कमरा दे दिया था।
जब मैं ये सीन शूट कर रहा था तब मुझे लगता था कि मैं सच में नाजनीन को मारने के लिए आया हूं। मैं इतना डूब गया था कि जब वह सल्लाह पढ़ रही थी तो जो उसकी आंखों में चमक थी वह मुझे रोक रही थी। डायरेक्टर कट बोल रहा था मैं उस पर भी ध्यान नहीं दे रहा था।
तैयारी के दौरान मैं भी मस्जिदों में जाता था और घर पर रोज सल्लाह (दुआ) पढ़ा करता था। दरअसल आतंकवादियों को सिखाया जाता है कि वो मुसलमानों के लिए काम कर रहे हैं। हालांकि, यहां एक दुआ पढ़ रही मुस्लिम औरत को मारा जा रहा है। यहां मुझे समझ आया कि ये लोगों को धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
आपकी फैमिली ने जब देखी तो उनका कैसा रिएक्शन था?
मेरी फैमिली कनाडा में हैं। पापा ने फिलहाल फिल्म नहीं देखी है। मेरे भैया ने फिल्म देखी और उन्हें मेरे काम काफी पसंद आया। मैं एक बहुत छोटे से गांव से आता हूं। ऐसे में उनके लिए ये बहुत बड़ी बात थी।
26/11 मुंबई हमले को लेकर आपकी क्या यादें हैं।
उस वक्त मैं काफी छोटा था। मैं सभी लोगों के साथ बैठकर टीवी में देख रहा था। मुझे नहीं पता था कि एक दिन मुझे ये रोल निभाने को मिलेगा।