- 19 मार्च 1973 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था योगेश गौर का जन्म
- संगीत में योगदान के लिए मिला था दादासाहब फाल्के पुरस्कार
- राजेश खन्ना की फिल्म आनंद के लिए लिखे थे गीत
Geetkar ki kahani Lyricist Yogesh Gaur birthday: 'रिमझिम गिरे सावन', 'जिंदगी कैसी है पहेली', 'किसी को रुलाये, किसी को हंसाये', 'कहीं दूर जब दिन ढल जाए', जैसे अमरगीतों को लिखने वाले गीतकार योगेश गौड़ का आज जन्मदिन है। योगेश गौर ने अपनी जादुई कलम से हिंदी सिनेमा को और समृद्ध बनाया। उनके गाने आज भी जुबां पर होते हैं। 19 मार्च 1973 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जन्मे योगेश गौर ने फिल्मी करियर की शुरुआत निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी के साथ की थी।
योगेश काम की तलाश में 16 साल की उम्र में बॉम्बे (अब मुंबई) चले गए और अपने चचेरे भाई योगेंद्र गौड़ से मदद मांगी जो कि एक पटकथा लेखक थे। पहली बार 1962 में उन्होंने बॉलीवुड फिल्म सखी रॉबिन के लिए छह गीत लिखे, जिसमें "तुम जो आ गए" गीत भी शामिल था। इस गीत को मन्ना डे ने गाया था। इस गीत ने बॉलीवुड में उनके करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने भारत के कुछ बेहतरीन निर्देशकों जैसे बासु चटर्जी के साथ काम किया। फिल्म 'आनंद' के अलावा उन्होंने 'मिली', 'आजा मेरी जान', 'मंजिलें और भी हैं', 'बातों-बातों में', 'रजनीगंधा', 'मंजिल' और 'बेवफा सनम' जैसी फिल्मों के गाने लिखे।
योगेश के चुनिंदा बेहतरीन पांच गीतों की करें तो, 'कहीं दूर जब दिन ढल जाए', 'जिंदगी कैसी है पहेली', 'रिमझिम गिरे सावन', 'कई बार यूं ही देखा है', 'ना बोले तुम ना मैंने कुछ कहा' के बिना लिस्ट अधूरी कहलाएगी। योगेश की आखिरी बड़ी रिलीज फिल्म किशन कुमार स्टारर बेवफा सनम थी। इस फिल्म के योगेश के लिखे गाने 'ओ दिल तोड़ के हंसती हो मेरा', 'वफा ना रास आई', 'अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का' काफी हिट हैं।
मिला था दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
सैकड़ों फिल्मों में हजारों गीत लिख चुके योगेश गौर को संगीत के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए दादासाहब फाल्के पुरस्कार के अलावा यश भारती पुरस्कार भी मिला था। एक दौर था जब योगेश के गीत के बिना कोई फिल्म पूरी नहीं होती थी। 29 मई 2020 को 77 साल की उम्र जब मशहूर गीतकार योगेश गौर (Yogesh Gaur) का निधन हो गया था तो गायिका लता मंगेशकर ने सोशल मीडिया पर ट्वीट लिखकर शोक जताया था। लता मंगेशकर ने लिखा था- 'मुझे अभी पता चला कि दिल को छूने वाले गीत लिखने वाले कवि योगेश जी का आज स्वर्गवास हुआ। ये सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। योगेश जी के लिखे कई गीत मैंने गाए। योगेश जी बहुत शांत और मधुर स्वभाव के इंसान थे। मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पण करती हूं।'