- अनुराधा पौडवाल ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत 1973 में फिल्म 'अभिमान' से की थी।
- उन्हें पहला बड़ा ब्रेक 1976 में सुभाष घई की फिल्म 'कालीचरन' से मिला था।
- एक दौर था जब अनुराधा पौडवाल की तुलना लता मंगेशकर से होने लगी थी।
Happy Birthday Anuradha Paudwal: जानी मानी गायिका अनुराधा पौडवाल का आज (27 अक्टूबर) जन्मदिन है। आज वह 69 वर्ष की हो गई हैं। नए जमाने के लोगों ने उन्हें भक्ति गीत गाते देखा है और वह उन्हें भजन गायिका मानते हैं लेकिन एक दौर था जब अनुराधा पौडवाल की तुलना लता मंगेशकर से होने लगी थी। वह हिंदी सिनेमा की श्रेष्ठ गायिका मानी जाती थीं। बीते 12 वर्ष से अनुराधा पौडवाल सिंगिंग से दूर हैं लेकिन कभी उन्हें दूसरी लता मंगेशकर कहा गया था।
अनुराधा पौडवाल कई वर्ष तक बॉलीवुड की एक प्रमुख पार्श्व गायिका रहीं और अपनी आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करती रहीं। साल 1991 की फिल्म दिल है कि मानता नहीं के सभी गाने उन्होंने ही गाए। इस फिल्म के गाने के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला। 1990 की फिल्म आशिकी के गाने 'नजर के सामने' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।
अनुराधा पौडवाल ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत 1973 में अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी स्टारर फिल्म 'अभिमान' से की थी। हालांकि, उन्हें पहला बड़ा ब्रेक 1976 में सुभाष घई की फिल्म 'कालीचरन' से मिला था। अनुराधा पौडवाल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंदजी और जयदेव जैसे संगीतकारों के साथ काम किया। बॉलीवुड गानों और भजन के अलावा पंजाबी, बंगाली, मराठी, तमिल, तेलुगु, उड़िया और नेपाली भाषा में भी गाने गाए हैं।
अनुराधा पौडवाल का असली नाम
बता दें कि अनुराधा पौडवाल का असली नाम अलका नन्दकरनी है। अनुराधा नाम कैसे अस्तित्व में आया यह उन्होंने कपिल शर्मा शो (The Kapil Sharma Show) में बताते हुए कहा कि उन्होंने शादी के बाद अपना नाम बदल लिया। हंसते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह तब उदित नारायण से नहीं मिली थी। साथ में बैठे उदित नारायण ने उनसे पूछा कि अगर वह उससे पहले मिल जाती तो क्या करतीं, जिस पर अनुराधा ने कहा था कि वह अपना नाम अलका रख लेतीं।
इसलिए आया करियर में ठहराव
80 और 90 के दशक में अनुराधा पौडवाल एक जाना-पहचाना नाम बन गई थीं। अनुराधा के बारे में संगीतकार ओपी नय्यर ने कहा था कि लता का दौर चला गया। इसके बाद उन्होंने एक फैसला किया था कि वह केवल टी-सीरीज लेबल के ही गाने गाएंगी। 90 के दौर में उनकी समकक्ष अल्का याग्निक और कविता कृष्णमूर्ति टी सीरीज के बाहर के गाने भी गा रही थीं। साल 1997 में गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई थी। उनकी मौत के बाद अनुराधा पौडवाल ने फिल्मी गाने गाना छोड़ दिया और केवल भजन ही गाने लगीं। इसके बाद उनके करियर में ठहराव आ गया।
म्यूजिक कंपोजर से शादी
अनुराधा पौडवाल ने एसडी बर्मन के असिस्टेंट और खुद भी एक म्यूजिक कंपोजर रहे अरुण पौडवाल से शादी की थी। उनके पति का असमय निधन हो गया था। उनके दो बच्चे आदित्य पौडवाल और कविता पौडवाल हैं।