- 21 जुलाई 1930 को ब्रिटिश पंजाब के रावलपिंडी में पैदा थे आनंद बख्शी
- पहले नेवी और सेना में नौकरी, नहीं लगा मन तो बन गए गीतकार
- सबसे पहले फिल्म भला आदमी के लिए लिखे थे गाने
Anand Bakshi Birthday: आनंद बख्शी एक ऐसा नाम जिसने हिंदी सिनेमा के लिए 4 हजार गीत लिखे और सभी एक से बढ़कर एक। 1957 से शुरु हुआ उनका सफर इतना लंबा चला कि वह बॉलीवुड के सबसे महान गीतकार कहलाए। 21 जुलाई 1930 को ब्रिटिश पंजाब के रावलपिंडी में पैदा हुए आनंद बख्शी ने ही राजेश खन्ना की सुपरहिट फिल्म आराधना का गाना 'मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू' लिखा और इस गाने ने राजेश खन्ना को सुपरस्टार का दर्जा दिलाया।
'चांद सी महबूबा हो मेरी', 'सावन का महीना पवन करे शोर' जैसे गीत आनंद बख्शी ने ही लिखे। आनंद बख्शी अपनी जवानी के दिनों में भारतीय नौ सेना में भर्ती हो गए थे। यहां वह दो साल तक कैडेट रहे और कुछ विवाद के कारण उनके हाथ से नौकरी चली गई। इसके बाद 1947 से 1956 तक वह भारतीय सेना में काम करते रहे। यहां भी जब मन नहीं रमा तो अपने सपनों को लेकर वह मुंबई आ गए। यहां उनकी मुलाकात अभिनेता भगवान दादा से हुई और उन्होंने आनंद बख्शी को फिल्म भला आदमी में काम करने का मौका दिया। इस फिल्म से आनंद बख्शी के करियर की शुरुआत हुई।
सेना की नौकरी छोड़ गीत लिखने वाले आनंद बख्शी को 4 बार फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया। पहली फिल्म भला आदमी के लिए पहला गाना उन्होंने लिखा- धरती के लाल ना कर इतना मलाल। उनके हिट और सदाबहार गीतों की फेहरिस्त बहुत लंबी है फिर भी 'बागों में बहार है', 'जरा तस्वीर से तू', 'सोलह बरस की', 'प्यार दीवाना होता है', 'चिट्ठी आई है', 'तेरे मेरे बीच में' जैसे गाने हर किसी की प्ले लिस्ट में शामिल होते हैं।
4 दशकों तक हिंदी सिनेमा को अपने गीतों से गुलजार करने वाले आनंद बख्शी ने 550 से अधिक फिल्मों के लिए लगभग 4000 गीत लिखे। सिनेमा जगत का हर शीर्ष पुरस्कार उनके नाम दर्ज हुआ। हर शीर्ष कलाकार, निर्देशक के साथ उन्होंने काम किया। 30 मार्च 2002 को वह इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए।