- सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को खुदकुशी कर ली थी
- सुशांत का मामला पिछले दो महीने से लगातार चर्चा में है
- सुशांत मामले में हर दिन नई-नई बातें सामने आ रही हैं
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत सुशांत ने 34 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था। वह मुंबई में अपने बांद्रा वाले घर में 14 जून को मृत पाए गए थे। इस मामले की जांच लगातार जारी है। वहीं, दूसरी तरफ मामले में रोजाना नई-नई बातें खुलकर सामने आ रही हैं। सुशांत की मौत को दो महीने से अधिक हो चुके हैं लेकिन मामले की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है। अब टाइम्स नाऊ से खास बातचीत में सुशांत के हाउस हेल्प नीरज ने कई बातों का खुलासा किया है।
रिया के सुशांत से झगड़े वाले सवाल पर नीरज ने कहा, 'हमारे सामने कभी भी रिया जी और सुशांत सर के बीच झगड़ा नहीं हुआ। हमारे सामने कभी वह गुस्सा जाहिर नहीं करती थीं। उस दिन वह जल्दी में जा रही थीं। रिया जी ने कहा कि मेरे कपड़े पैक कर दो। हमारा काम जो कहा गया, उसे करना है। दोनों में कुछ हुआ था जिसके बाद रिया जी कपड़े पैक होने के बाद घर से चली गई थीं।'
सुशांत की आत्महत्या के बाद कमरे में सबसे पहले जाने वाले शख्स के बारे में नीरज ने कहा, 'कमरे का दरवाजा खुला तो सबसे पहले सिद्धार्थ पिठानी अंदर गए। मैं दरवाजे पर ही खड़ा थे। कुछ समझ नहीं आ रहा था। हम लोग कुछ सोच नहीं पा रहे थे उस वक्त। तभी सिद्धार्थ को किसी का फोन आया कि बॉडी उतार दो, सांसें चल रही होंगी तो अस्पताल ले जाएंगे। फिर सिद्धार्थ ने ही सुशांत सर का शव नीचा उतारा था।'
नीरज ने कहा, 'सुशांत को कुछ न कुछ प्रॉब्लम जरूर थी। वह पहले से काफी ज्यादा बदल चुके थे। अगर कुछ प्रॉब्लम नहीं होती तो ऐसा कदम क्यों उठाते।' जब नीरज से पूछा गया कि सुशांत मानसिक तौर पर डिस्टर्ब थे तो उन्हें अकेले क्यों रहने दिया? इसपर नीरज ने कहा, 'हमें इतनी इजाजत नहीं थी कि हम सर को लेकर किसी भी दखल दें। सिर्फ उनके दोस्तों को ही इजाजत थी। हमारा काम केवल सुशांत सर को समय पर खाना पहुंचा था।'
वहीं, नीरज ने सुशांत के साथ अपनी आखिरी मुलाकात के बारे में कहा, 'सिद्धार्थ पिठानी उस दिन नौ बजे सुबह उठे थे। वह देर से ही उठते हैं। मैं सात बजे उठा था, जो मेरा नियमित समय है। उठने के बाद मैं डॉगी को वॉल्क पर ले गया था। लौटकर आने के बाद मैंने झाड़ू लगाई। मैं जब झाड़ू लगा रहा था तबी सुशांत सर ने ठंडा पानी मांगा। मैंने उन्हें ठंडा पानी दे दिया। सर ने पूछा था कि सब ठीक है। मैंने कहा ठीक है और फिर वो कमरे के अंदर चले गए। मेरी बस वही आखिरी मुलाकात थी।'