बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन को 12 दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन अभी तक इस बात पर यकीन नहीं हो पा रहा है। उनके फैंस को लग ही नहीं रहा कि सुशांत इस दुनिया से कहीं चले गए हैं। पूरा देश उनके निधन से मानो सदमे में है। सितारे पोस्ट शेयर कर उन्हें याद कर रहे हैं तो फैंस उनकी फिल्में और वीडियोज देख याद कर रहे हैं। सुशांत सिंह राजपूत बेहद सकारात्मक किस्म के इंसान थे, तभी तो उनके सपने दुनिया से अलग थे। उन्होंने 50 ऐसे सपनों की लिस्ट बनाई थी जिनके बारे में किसी के लिए सोचना भी नामुमकिन है।
सुशांत सिंह राजपूत के इन्हीं 50 सपनों की लिस्ट में एक ऐसी ख्वाहिश शामिल थी जो वाकई हैरान करने वाली है। सुशांत सिंह राजपूत अकेले एक रात कब्रिस्तान में गुजारना चाहते थे। इसके पीछे वजह भी बेहद दिलचस्प है। सुशांत अपने डर पर काबू करने के लिए यह काम करना चाहते थे। इस बात का खुलासा उन्होंने सोशल मीडिया पर किया था। उन्होंने लिखा था- जब मैं बुरी तरह डर जाता हूं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। उन्होंने यह भी लिखा था कि ये सपना मेरे बर्थडे वीक के लिए फिक्स है।'
चाहते थे हवाई जहाज उड़ाना
सुशांत सिंह राजपूत के 50 सपनों में शामिल था हवाई उड़ाने का लाइसेंस लेना। वह पायलट सीट पर बैठकर हवा में सैर करना चाहते थे। उनका सबसे पहला सपना था एक हवाई जहाज़ चलाना सीखना, जिसे उन्होंने पहले नंबर पर लिखा था। वहीं दूसरे नंबर का उनका सपना था आयरनमैन ट्राइथलॉन के लिए ट्रेनिंग करना।
उल्टे हाथ से क्रिकेट खेलना
सुशांत सिंह राजपूत का तीसरा सपना था उल्टे हाथ से क्रिकेट मैच खेलना और चौथा था मोर्स कोड पढ़ना। इतना ही नहीं, वह बच्चों को अंतरिक्ष के बारे में बताना चाहते थे और किसी चैंपियन के साथ टेनिस खेलना चाहते थे। वह फोर क्लैप वाले पुश अप्स करना चाहते थे। आपको बता दें कि महिलाओं को सेल्फ-डिफेंस सिखाने, डाइविंग, आर्चरी सीखने, प्लेन उड़ाना सीखने जैसे कई सपने उन्होंने पूरे भी किए थे।
14 जून को कर ली थी आत्महत्या
34 साल के सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को मुंबई स्थित अपने घर में फंदा लगाकर जान दे दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि सुशांत लंबे समय से डिप्रेशन के शिकार थे और वह इसका इलाज भी करा रहे थे। मुंबई पुलिस उनकी आत्महत्या मामले की जांच में जुटी है। अभी तक 20 से ज्यादा लोगों ने उनकी मौत के संबंध में पूछताछ की जा चुकी है। वहीं उनके घर पटना में शोक व्यक्त करने के लिए लोग जुट रहे हैं।