- गीता बाली का असली नाम हरीकिर्तन कौर था
- शम्मी कपूर ने परिवार के खिलाफ जाकर की थी शादी
- 35 साल की उम्र में चेचक की बीमारी से हो गया था निधन
Geeta Bali and Shammi Kapoor: किसी जमाने में जब मधुबाला, नरगिस, नलिनी जैसी दिलकश और बेहद खूबसूरत अदाकाराओं का सिक्का बॉलीवुड में चल रहा था उस समय एक और अभिनेत्री ने बॉलीवुड में एंट्री ली थी और महज कुछ ही समय में उसने लाखों-करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बना लिया था। इसी अदाकारा का नाम था गीता बाली था। वह अपने डेब्यू से ही दर्शकों के दिलों पर छा गईं और जल्द ही बॉलीवुड इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेसेस की लिस्ट में शामिल हो गईं।
उनका असली नाम हरीकिर्तन कौर था और बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट उन्होंने अपना करियर शुरू किया था। जब वह महज 12 साल की थीं तो उनकी पहली फिल्म 'The Cobbler' रिलीज हुई थी। गीता बाली ने साल 1946 में रिलीज हुई फिल्म ‘बदनाम’ में लीड एक्ट्रेस का किरदार निभाया था। 10 साल के करियर में गीता बाली ने 70 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था, जिसमें ‘नई राहें’, ‘पॉकेटमार’, ‘इंस्पेक्टर’, ‘फरार', ‘कुश्ती’, ‘बेताब’, ‘राग रंग’, ‘बाज़ी’, ‘निशाना’ जैसी शानदार फिल्में शामिल हैं।
सब ठीक चल रहा था और गीता बाली के चर्चे हर तरफ थे तभी अचानक 21 जनवरी 1965 को 34-35 वर्ष की उम्र में अचानक उनके निधन की खबर आ गई। वह उन दिनों एक्ट्रेस चेचक की बीमारी से जूझ रही थीं और आखिर में वह इसी बीमारी से हार गईं। यह खबर उनके चाहने वालों लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं थी। गीता बाली के निधन की खबर सुन हर कोई हैरान रह गया था।
15 दिन पहले हुई बीमारी ने ली जान
गीता बाली राजिंदर सिंह बेदी के उपन्यास 'एक चादर मैली सी' पर आधारित फिल्म 'रानो' की शूटिंग कर रही थीं। इस फिल्म की शूटिंग पंजाब के एक गांव में चल रही थी और यहीं पर गीता बाली चेचक की चपेट में आ गईं। केवल 15 ही दिन में वह इस दुनिया को अलविदा कह गईं।
शम्मी कपूर से की थी शादी
गीता बाली और एक्टर शम्मी कपूर की लव स्टोरी बॉलीवुड इंडस्ट्री में खूब चर्चित थी। साल 1955 में फिल्म ‘मिस कोका कोला’ के सेट पर दोनों पहली बार मिले थे। इसके बाद फिल्म ‘रंगीन रातों’ में शम्मी कपूर लीड एक्टर थे और इस फिल्म में गीता बाली का छोटा सा कैमियो रोल था। शूटिंग रानीखेत में हो रही थी। इस दौरान दोनों की दोस्ती हो गई और वह प्यार में बदल गई। शम्मी कपूर और गीता बाली की शादी के लिए दोनों के परिवार राजी नहीं थे। पृथ्वीराज कपूर अपने बेटे शम्मी की शादी गीता बाली से नहीं करवाना चाहते थे क्योंकि उस जमाने में कपूर खानदार से ताल्लुक रखने वाली सभी महिलाएं फिल्मों में दूर रहती थीं। दोनों ने परिवार के खिलाफ जाकर मंदिर में शादी के थी। शादी के बाद कपल के दो बच्चे कंचन और आदित्य हुए।
निधन से टूट गए शम्मी
इस घटना ने शम्मी को पूरी तरह तोड़ कर रख दिया था। उनकी हालत ये थी कि उनके फिल्मों का ग्राफ भी नीचे आने लगा था, लेकिन धीरे-धीरे वह अपनी इन मुश्किलों से बाहर निकले और फिर 1969 में शम्मी ने नीला देवी से शादी कर ली। हालांकि दूसरी शादी करने से पहले उन्होंने अपनी पत्नी के सामने एक शर्त रख दी थी। शम्मी ने नीला के सामने एक शर्त रखी कि वह मां नहीं बनेंगी और गीता के बच्चों को ही पालना पडे़गा। नीला ने भी शम्मी की इस शर्त को माना और वह कभी मां नहीं बनीं।