- शादी के कुछ साल बाद बदल गया था ऐश्वर्या राय बच्चन का मंगलसूत्र
- आराध्या के जन्म के बाद बॉलीवुड एक्ट्रेस ने किए थे बदलाव
- अभिषेक बच्चन ने शादी में ऐश्वर्या के गले में बांधा था 45 लाख रुपए कीमत का मंगलसूत्र
मुंबई: अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन ने अप्रैल 2007 में शादी के बंधन में बंध गए थे। यह बॉलीवुड में सबसे ज्यादा चर्चित शादियों में से एक थी जिसका फैंस को बेसब्री से इंतजार था। खासकर समारोह की तस्वीरें देखने को लेकर लोगों में बेताबी नजर आ रही थी, और ऐश्वर्या और अभिषेक बच्चन के लुक सहित तमाम चीजों को लेकर शादी के कई दिन बाद भी खबरें आती रही थीं। ऐश्वर्या ने अपनी शादी में नीता लुल्ला की ओर से डिज़ाइन की गई पारंपरिक कांजीवरम साड़ी पहनी थी जिसमें वह बेहद सुंदर लग रही थीं।
इसके बाद, ऐसी रिपोर्ट्स आई थी कि साड़ी की कीमत लगभग 75 लाख रुपए थी। फैंस को यह जानने में बेहद उत्सुकता होती है कि सेलिब्रिटीज क्या पहनते हैं, उनके तरह तरह के गहने और वे किस तरह से एक साथ स्टाइल करते हैं। इस बीच ऐश्वर्या राय का मंगलसूत्र भी उनकी शादी के बाद खूब चर्चा में रहा था।
तिरुपति बालाजी मंदिर में पहली बार मंगलसूत्र के साथ नजर आईं:
ऐश्वर्या राय बच्चन के मंगलसूत्र को पहली बार तिरुपति बालाजी से आई तस्वीरों में देखा गया था, जहां एक्ट्रेस अपनी शादी के तुरंत बाद अपने पति अभिषेक बच्चन के साथ गई थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगल सूत्र की कीमत लगभग 45 लाख रुपए थी! यह मंगलसूत्र लंबा और डबल-लेयर वाला था, और इसमें हीरे वाला एक लौकेट लगा हुआ था।
हालांकि, शादी के कुछ साल बाद ऐश्वर्या के इस मंगलसूत्र में कुछ बदलाव देखने को मिला था। यह नया मंगलसूत्र पहले की अपेक्षा छोटा था और डोर की दोहरी परत के बजाय, इसमें केवल एक ही डोर थी। हालांकि, तस्वीर में यह देखा जा सकता है कि लॉकेट पहले जैसा ही बना रहा।
ऐश्वर्या राय बच्चन ने जैसे ही मंगलसूत्र में बदलाव किया, उनके उत्सुक फैंस के बीच इंटरनेट पर चर्चा होने लगी कि आखिर ऐश ने यह बदलाव क्यों किया। हालांकि रिपोर्ट्स के अनुसार इसके पीछे कोई बेहद गूढ़ या छिपा हुआ कारण नहीं है।
सीधी और सरल है वजह:
आराध्या के जन्म के बाद ऐश्वर्या ने अपने मंगलसूत्र को लेकर बदलाव किए थे। उन्होंने बेटी के जीवन में आने के बाद बहुत सारे भारी गहने पहनना कम कर दिया था। आराध्या के जन्म के बाद बेटी और खुद बहुत ज्यादा परेशानी से बचने के लिए उन्होंने यह बदलाव किया था और उनके मंगलसूत्र के तार को छोटा करके उसमें दोहरी की जगह एक डोर कर दी थी।