- शोले के गब्बर सिंह यानी अमजद खान की 27 जुलाई को पुण्यतिथि है।
- अमजद खान का साल 1992 में हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया था।
- अमजद खान की एक इच्छा कभी पूरी न हो सकी। इसका उन्हें हमेशा मलाल रहा।
Amjad Khan Death Anniversary: शोल में गब्बर सिंह के किरदार को अमर कर देने वाले एक्टर अमजद खान की आज पुण्यतिथि है। अमजद खान का 27 जुलाई 1992 को हार्ट अटैक से निधन हो गया था। साल 1986 में अमजद खान फिल्म द ग्रेट गैंबलर की शूटिंग के लिए गोवा जा रहे थे। रास्ते में उनका जानलेवा एक्सीडेंट हो गया था। इस हादसे से वह भले ही उबर गए लेकिन, उनकी तबीयत खराब रहने लगी थी। अमजद खान की एक तमन्ना हमेशा अधूरी रही। इसका मलाल उन्हें पूरी जिंदगी रहा था। अमजद खान की पुण्यतिथि पर जानिए उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से।
अमजद खान का जन्म 12 नवंबर 1940 को बॉम्बे में हुआ था। उनके पिता जकारिया खान बॉलीवुड के एक जाने-माने एक्टर थे, जिन्हें पर्दे पर जयंत नाम से जाना जाता था। अमजद खान ने अपनी पढ़ाई बांद्रा के सेंट एंड्रूज स्कूल से की थी। वहीं, कॉलेज के दिनों से ही वह थिएटर में एक्टिव हो गए थे। अमजद खान ने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट साल 1951 में फिल्म नाजनीन से की थी। अमजद जब अपने करियर के शुरुआती दौर में थे तो उनके पिता की सेहत काफी बिगड़ने लगी थी। काम के दौरान भी अमजद को काफी डांट पड़ती थी। वह अपने पिता को कई बातें नहीं बताया करते थे।
शोले से पहले पिता का निधन
अमजद खान चाहते थे कि उनके पिता जयंत फिल्म शोले में उनका काम देखें, किस्मत को ये मंजूर नहीं था। शोले 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई थी इससे ढाई महीने पहले दो जून 1975 को उनके पिता जयंत का निधन हो गया। अमजद खान की ये तमन्ना हमेशा अधूरी ही रही, इस गम को लेकर वह ताउम्र जीते रहे। वहीं, अमजद खान अपने आखिरी दिनों में बेहद तकलीफ में रहे थे। एक्सीडेंट से उनकी 13 पसलियां टूट गई थी। व्हील चेयर में लंबे वक्त तक रहने के कारण उनका वजन भी काफी बढ़ गया था। बढ़ते वजन के कारण वह कोमा में भी चले गए पर वापस आ गए।
ऐसा था आखिरी दिन
अमजद खान के बेटे शादाब खान ने पिता के आखिरी दिन के बारे में ई टाइम्स को बताया था, 'वह रविवार का दिन था, मैं बाहर से घर आया था। शाम का वक्त था, मेरी मम्मी ने कहा कि पिता काफी देर से सोए हैं। मैंने उन्हें देखा तो उनका शरीर ठंडा पड़ा था। मैंने डॉक्टर को बुलाया, जो पास में ही रहते थे। उन्होंने कहा कि शायद हार्ट अटैक आया है। मुझे डॉक्टर ने एंड्रेलिन इंजेक्शन लाने के लिए कहा। मैं दौड़ा-दौड़ा इंजेक्शन लेने के लिए केमिस्ट की दुकान पर गया। काफी देर बाद पारेख अस्पताल के पास इंजेक्शन मिला।'
शादाब खान के मुताबिक, 'मैंने जब डॉक्टर को इंजेक्शन दिया तो उन्होंने कहा अब इसकी जरूरत नहीं है। मैंने पूछा कि क्या पापा ठीक हो जाएंगे? डॉक्टर ने कहा नहीं, तुम कुछ सेकंड देरी से आए। मैंने डॉक्टर की पिटाई कर दी। मैं मुट्ठी बंद कर दीवार पर मार रहा था। बाद में इसे ठीक होने में काफी वक्त लगा।' शादाब के मुताबिक पिता के निधन से उनके छोटे भाई सीमाब को गहरा सदमा पहुंचा था। कुछ दिन बाद सीमाब को अस्थामा अटैक आया था।