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Salim Merchant Sulaiman Merchant Exclusive: सलीम-सुलेमान के लिए Bhoomi 2021 बेहद खास, कहा- 'बॉलीवुड में नहीं तो हॉलीवुड में होते'

प्रदीप कुमार तिवारी | सीनियर रिपोर्टर
Updated Dec 16, 2021 | 19:17 IST

सलीम-सुलेमान की जोड़ी ने फिल्म रब दे बना दी जोड़ी, कुर्बान, चक दे इंडिया जैसी तमाम बड़ी फिल्मों को संगीत दिया है। अब सलीम-सुलेमान Bhoomi 2021 लेकर आए हैं, जिसमें ना सिर्फ अलग तरह का संगीत बल्कि उभरते हुए सितारों को सामने लाए हैं।

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Salim Merchant Sulaiman Merchant
मुख्य बातें
  • सलीम-सुलेमान की पहली म्यूजिक एल्बम 1993 में Ragga Raaga आई थी
  • दोनों को जोड़ी ने 100 से भी ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में संगीत दिया है
  • सलीम-सुलेमान फिलहाल Bhoomi 2021 पर काम कर रहे हैं

Salim Merchant and Sulaiman Merchant Exclusive: "उड़ने लगा क्यों मन बावला रे..आया कहां से यह होसला रे...ओ रे पिया हाय... ये लिरिक्स साल 2007 में माधुरी दीक्षित की कमबैक कही जाने वाली फिल्म 'आजा नच ले' के हैं। एक दशक बीत जाने के बाद ये गीत लोगों की जुबान पर है। सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म्स पर आपको कहीं ना कहीं ये गाना दिखते-सुनते मिल ही जाएगा। लेकिन जिस वजह से ये गाना आज भी लोगों के जहन में है, उसकी वजह सलीम-सुलेमान जोड़ी का म्यूजिक है।सलीम-सुलेमान (Salim Merchant and Sulaiman Merchant) बॉलीवुड की वो म्यूजिक डायरेक्टर जोड़ी...जिनके म्यूजिक और गानों को सुनते हुए ही शायद हम में से ज्यादातर लोगों का बचपन बीता होगा।

गाने के म्यूजिक को लेकर सलीम-सुलेमान ने टाइम्स नाउ नवभारत को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि इसके संगीत को लेकर काफी प्रेशर था।खैर ये तो बात हुई गुजरे जमाने की। अब वर्तमान में आते हैं और सलीम-सुलेमान अब म्यूजिक को एक नए अंदाज से ला रहे हैं। सलीम-सुलेमान MYn के साथ अपने नए प्रोजेक्ट Bhoomi 2021 को लेकर चर्चा में हैं। इस नए तरह के प्रोजेक्ट में क्या खास है, इसको लेकर दोनों ने ही Times Now Navbharat के साथ एक विशेष बातचीत की।

प्रोजेक्ट Bhoomi 2021 बेहद खास है
Bhoomi 2021 के बारे में सलीम-सुलेमान का कहना है कि उनके लिए ये बेहद खास है। सलीम मर्चेंट कहते हैं अपने इस प्रोजेक्ट को MYn के साथ कर रहे हैं, जो एक भारतीय सोशल मीडिया ऐप है। जिसके जरिए कलाकार अपने टैलेंट दो दिखा सकते हैं। सलीम-सुलेमान कहते हैं कि हमारे हिंदुस्तान के संगीत की जो गहराई है, हमारे देश की संस्कृति हो उसे हम Bhoomi के जरिए सामने लाएं। पिछले 4-5 सालों से जो हमारे गानों की गहराई है या यूं कह लें कि उनका क्लास है, वो कहीं ना कहीं खो गया है।

प्रोजेक्ट Bhoomi आगे भी कायम रहेगा
बातचीत के दौरान सलीम-सुलेमान ने बताया कि हमनें गाने इसलिए नहीं बनाए कि वो सिर्फ हिट हों बल्कि लोग उन्हें सुनना पसंद करें। लगभग 20 साल के बाद हम Bhoomi 2021 को लेकर आए हैं और ये आगे भी कायम रहेगा। इसमें ना सिर्फ हिंदी बल्कि तमिल और पंजाबी जैसे म्यूजिक वैरायटी है। हमारी आगे भी कोशिश होगी कि उभरते हुए गायकों के टैलेंट को आगे लाएं।

...तो ऐसे बन गई सलीम-सुलेमान की जोड़ी
सलीम-सुलेमान के पिता म्यूजिक कंपोजर थे। घर का माहौल भी वैसा मिला लेकिन शुरूआत में ऐसा कभी नहीं सोचा था कि फिल्मों के लिए गानें बनाएंगे। हालांकि, बचपन से म्यूजिक से दोनों को काफी लगाव था। सुलेमान कहते हैं कि हम दोनों ने जब साथ में म्यूजिक बनाना शुरू किया, तो लगा कि हम एक दूसरे को कॉम्लीमेंट करते हैं। म्यूजिक हम दोनों की ही रगों में था। हमने इंडस्ट्री में साथ काम किया। 140 से भी ज्यादा बैक्ग्राउंड  स्कोर किया और धीरे-धीरे लोग हमें सलीम-सुलेमान के नाम से जानने। यहीं से इस जोड़ी की भी शुरूआत हुई।

आलोचनाओं पर ध्यान नहीं देते
इसके जवाब में सलीम कहते हैं कि हम सिर्फ अपने काम को बेहतर बनाने पर ध्यान देते हैं। हम कभी आलोचनाओं पर ध्यान नहीं देते और इसे हम एक पॉजीटिव तरीके से लेते हैं। हमारा म्यूजिक को लेकर एक अलग नजरिया रहा है। जब भी किसी फिल्म के लिए म्यूजिक बनाते हैं तो उसे एक चैलेंज की तरह लेते हैं।  

फेवरेटिज्म पर कही ये बात
जहां तक इंडस्ट्री में  फेवरेटिज्म की बात है तो कई बार ऐसा भी होता है कि जब हम काम करते-करते दोस्ती हो जाती है। तो आप भी काम करने में कंफर्ट फील करते हैं। तो इसे फेवरेटिज्म नहीं बल्कि इसे कंफर्टेबल कहते हैं। कई बार ऐसा होता है कि कोई एक बड़े पर प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और वो हिट हो जाता है। जाहिर सी बात है कि वो टीम साथ में ही काम करना चाहेगी।

स्ट्रगल से ही बनता है जीवन
सलीम-सुलेमान कहते हैं कि हमनें हमेशा ही आगे की सोच रखी। वो हमेशा आगे जाना चाहते हैं और जितना पीछे के बारे में सोचेंगे तो पीछे रह जाएंगे। जो हमारा वर्तमान है, वही गोल्डन पीरियड है।सलीम-सुलेमान कहते हैं कि जीवन वास्तव में स्ट्रगल से ही बनता है। परेशानियां ही वास्तव में जिंदगी बनाती हैं। जरूरी ये है कि आप परेशानियों को कैसे हल करते हैं, यही आपकी सफलता है और जिंदगी ऐसी ही होनी चाहिए।

हमारी अनुभव ही हमारी प्रेरणा
सलीम कहते हैं कि हमारे अनुभव रहे हैं, जिन चीजों से हम गुजरे हैं और जिन कठिनाईयों को पार कर के हम यहां हैं- वही हमारे लिए प्रेरणा है। फैशन हो या चक दे इंडिया फिल्म हो- बहुत प्रेशर था। हमने अपने बेहतर दिया। लेकिन जो फिल्मों थीं, जिन डायरेक्टर के साथ काम किया और जो हमारा फिल्म इंडस्ट्री में तजुर्बा है। वही हमारे लिए प्रेरणा है।

अगर बॉलीवुड में ना होते तो हॉलीवुड में होते
बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि अगर सलीम-सुलेमान बॉलीवुड में ना होते तो आज वह हॉलीवुड में होते। इस बात का खुलासा खुद सलीम मर्चेंट ने किया। सलीम ने बताया कि उन्होंने हॉलीवुड की एक-दो फिल्में की हैं। उन्होंने वेस्टर्न म्यूजिक को लेकर विदेश में काम किया। जिसकी वजह से उन्हें अप्रोच किया गया था। शायद अगर सलीम-सुलेमान बॉलीवुड में नहीं तो हॉलीवुड में कुछ ना कुछ जरूर कर रहे होते।
 

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