- हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग नए सॉफ्टवेयर लॉन्च कर रहा है
- इस सॉफ्टवेयर पर मिलेगी नगर निगम के सभी कार्यों की जानकारी
- संपत्ति से जुड़ी जानकारी सीधे पहुंचेगी लोगों के मोबाइल पर
Faridabad News: संपत्ति से जुड़ी कोई भी जानकारी हासिल करने या बकाया टैक्स की जानकारी के लिए लोगों को अब बार-बार नगर निगम दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। लोगों को राहत देने और निगम की कार्यशैली को पारदर्शी बनाने के लिए हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग एक नया सॉफ्टवेयर तैयार करवा रहा है। जिससे लोगों के संपत्तिकर की पूरी जानकारी मोबाइल पर ही मिल जाएगी।
इस साफ्टवेयर के शुरू होने के बाद लोगों को यह भी जानकारी मिलेगी कि बकाया बिल की अदायगी कब तक करनी होगी, साथ ही समय पर बिल का भुगतान नहीं करने पर कितना जुर्माना देना होगा। अधिकारियों के अनुसार अगले दो से तीन माह से यह सॉफ्टवेयर कार्य करने लगेगा। इसके अलावा इंजीनियरिंग शाखा के लिए भी एक नए सॉफ्टवेयर का ट्रायल चल रहा है।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के नियंत्रण में रहेगा सॉफ्टवेयर
निगम अधिकारियों के मुताबिक, नए साफ्टवेयर आ जाने पर नगर निगम के सभी आय स्त्रोतों की जानकारी उसपर अपलोड कर दी जाएगी। यह सॉफ्टवेयर हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के नियंत्रण में रहेगा। इसके अलावा अभी निगम में जो अलग-अलग ऐप काम कर रहे हैं, वे भी इसके साथ लिंक होंगे। जैसे- अनापत्ति प्रमाण पत्र या नया टैक्स जमा करने संबंधी सभी कुछ एक ही वेबसाइट पर मिलेगा। लोगों को इसके लिए अलग-अलग वेबसाइट पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। निगम अधिकारियों के अनुसार इस सॉफ्टवेयर में नगर निगम क्षेत्र में सभी संपत्तियों का ब्यौरा इसमें प्रतिमाह अपडेट होता रहेगा। इसे डिजिटली लिंक किया जाएगा। जिसके बाद संपत्ति की गणना में अगर कोई कर्मचारी या संपत्तिदाता गलत करता है, तो वो पकड़ में आ जाएगा। वित्तीय वर्ष कितने बकायेदार और कितना बकाया आदि ब्यौरा स्वत: अपडेट होता रहेगा। स्वत: ही बिल तैयार होंगे और बिल का मैसेज संपत्तिदाता के मोबाइल पर पहुंचेगा।
अनियमितताएं रोकेगा नया साफ्टवेयर
आयुक्त यशपाल यादव ने बताया कि, हरियाणा सरकार नई कार्य व्यवस्था के लिए नए साफ्टवेयर तैयार करवा रही है, ताकि अनियमितताओं पर रोक लग सके। इसमें विकास कार्य की सभी आवश्यकता से लेकर, एस्टीमेट, निविदाएं, विकास कार्य का डिजिटल वर्क और भुगतान की प्रक्रिया को साफ्टवेयर स्वत: अपडेट करेगा। इससे बगैर काम हुए भुगतान नहीं हो सकेगा। इसके माध्यम से नगर निगम की कार्यशैली को अधिक पारदर्शी बनाया जा रहा है।