- कूड़े से फ्यूल निकाने के लिए लगेगा मिनी वेस्ट टू एनर्जी प्लांट
- प्लांट पर प्रतिदिन 75 टन कूड़े से तैयार होगा आरडीएफ
- यह प्लांट लगाने वाला देश का पहला नगर निगम बनेगा गाजियाबाद
Ghaziabad MC: कूड़े-कचरे और प्रदूषण से गाजियाबाद के लोगों को निजात दिलाने के लिए नगर निगम एक बड़ी योजना पर काम कर रहा है। निगम अधिकारियों की मानें तो यहां पर जल्द ही देश का पहला मिनी वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाया जाने वाला है। इस प्लांट पर रोजाना 75 टन कूड़े से रिफ्यूज डिराइवड फ्यूल (आरडीएफ) तैयार किया जाएगा। इस फ्यूल का इस्तेमाल जिले के पेपर प्लांट संचालक करेंगे। इस फ्यूल की कीमत वर्तमान में इस्तेमाल होने वाले ईंधन की अपेक्षा कम होगी। इस योजना को लेकर बचत होगी और निगम को इससे अच्छी आय प्राप्त होगी।
अधिकारियों के अनुसार, आरडीएफ तैयार होने के बाद इसके भूसे से स्टीम तैयार करने वाले पेपर प्लांट में इस्तेमाल करने को लेकर निगम की योजना को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से क्लीयरेंस मिल गया है। साथ ही निगम ने प्लांट संचालक से भी अपनी इस योजना पर बात कर ली है। निगम अधिकारियों ने बताया कि, इस प्लांट के लिए न तो हमें अपनी जमीन देनी पड़ रही है न ही रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। आरडीएफ तैयार करने की जिम्मेदारी निजी कंपनी को दी जाएगी। जो अपनी कमाई का एक हिस्सा निगम को देगा। इस संबंध में जल्द ही टेंडर निकाला जाएगा।
निगम कूड़े से ही कर रहा हर महीने लाखों रुपए की कमाई
बता दें कि, निगम क्षेत्र में प्रतिदिन 1,200 टन कूड़ा उत्सर्जित होता है। इसमें से गीले-सूखे कूड़े को गार्बेज फैक्ट्री में अलग कर गीले कूड़े से खाद तैयार कर उसे बेचा जाता है। वहीं सूखे कूड़ें को भी निगम बेचने का कार्य कर रहा है। नगर निगम ने सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत सूखे कूड़े को अलग कर उसे तीन माह से बेच रहा है। इस दौरान निगम ने कूड़े से करीब 22 लाख रुपये की आय की। निगम ने कूड़े से इस साल सालाना 2.50 करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य है। नगर निगम आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने इस योजना के बारे में बताते हुए कहा कि, गाजियाबाद नगर निगम तेजी से मॉडल निगम बनने की कोशिश कर रहा है। हम कूड़ बेंचकर कमाई करने वाले प्रदेश के पहले निगम है। इसकी वजह से निगम के अकाउंट में हर माह लाखों रुपये आ रहे हैं। अब हमारा लक्ष्य है कि, आधुनिक तरीके से शहर के कचरे का निस्तारण कर नगर निगम की कमाई करोड़ों में पहुंचाना है।