- रिक्शा ठेले पर भटकती एचआईवी महिला मरीज का वीडियो वायरल
- परिजनों का आरोप फोन करने के बाद भी नहीं मिली एंबुलेंस सुविधा
- डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सीएमओ को दिए जांच के आदेश
Ghaziabad News: गाजियाबाद में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां पर एचआईबी और टीबी से पीड़ित एक महिला मरीज को घर से अस्पताल तक आने के लिए न तो एंबुलेंस की सुविधा मिल पाई और अस्पताल पहुंचने पर न ही स्ट्रेचर दिया गया। मरीज के परिजन उसे रिक्शा ठेले पर लादकर इधर से उधर भटकते रहे। बाद में मरीज की हालत जब ज्यादा गंभीर हो गई तो उसे डॉक्टरों ने मेरठ रेफर कर दिया। बाद में जब इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तो डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने पूरे मामले की जांच बैठा दी। उन्होंने गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पूरे मामले की जांच कर 25 जून तक जांच और कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
जानकारी अनुसार, साहिबाबाद क्षेत्र की रहने वाली एक महिला को टीबी था, वह कुछ दिन पहले गाजियाबाद के जिला अस्पताल में जांच कराने के लिए आई तो उसकी रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव आई। जिसके बाद डॉक्टरों ने महिला को भर्ती होने की सलाह दी, लेकिन परिजन उसे अपने साथ घर ले गए। बुधवार को जब अचानक तबीयत ज्यादा खराब हो गई तो परिजनों ने एंबुलेंस बुलाने के लिए फोन किया। परिजनों ने बताया कि, उससे बीमारी के बारे में पूछा गया तो उसने एचआईबी के बारे में बता दिया, जिस वजह से एंबुलेंस नहीं आई। मजबूरन परिजन महिला को रिक्शा ठेले में डालकर अस्पताल पहुंचे। यहां पर अस्पताल के किसी कर्मचारी ने महिला को स्ट्रेचर तक नहीं दिया। परिजन महिला को ठेले में डालकर एक जगह से दूसरी भटकते रहें।
डिप्टी सीएम ने 25 जून तक मांगी कार्रवाई की रिपोर्ट
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने ट्वीट करके बताया कि– ‘गाजियाबाद में टीबी मरीज को स्ट्रेचर न मिलने व रिक्शे पर मरीज को ले जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मैंने सीएमओ को उक्त प्रकरण के संबंध में जांच कर दोषियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट 25 जून तक उपलब्ध कराए जाने के आदेश दिए हैं।’ वहीं इस मामले में सीएमओ डॉक्टर भवतोष शंखधर ने कहा कि, प्राथमिक जांच में पता चला है कि, मरीज के परिजनों ने एंबुलेंस के लिए फोन ही नहीं किया था। वह जैसे ही अस्पताल में आए, उन्हें स्ट्रेचर मुहैया कराया गया था। मरीज को बाद में एंबुलेंस में बैठाकर एआरटी सेंटर मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया।