- 381.42 करोड़ की लागत से 10 एकड़ भूमि में बना यह संस्थान
- दवाओं पर रिसर्च के लिए यहां 50 करोड़ में बना अत्याधुनिक लैब
- ओपीडी शुरू होने पर होगी प्रतिदिन 1000 मरीजों के इलाज की क्षमता
Ghaziabad News: गाजियाबाद जिले को रविवार को एक बड़ी सौगात मिली है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा गाजियाबाद के कमला नेहरू नगर में बनवाए जा रहे उत्तर भारत के पहले राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान का निर्माण कार्य पूरा होने की घोषणा की गई। यह घोषणा रविवार को इस संस्थान का निरीक्षण करने पहुंचे केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने की। उन्होंने कहा कि, एक सप्ताह के अंदर ही यहां पर ओपीडी शुरू करने की घोषणा कर दी जाएगी। इस संस्थान का लाभ न केवल गाजियाबाद समेत उत्तर भारत के लोगों को मिलेगी, बल्कि विदेश से भारत इलाज कराने आने वाले विदेशियों को भी इस संस्थान का फायदा मिलेगा।
बता दें कि, 381.42 करोड़ की लागत से 10 एकड़ भूमि में इस संस्थान का निर्माण कार्य सितंबर 2019 में शुरू हुआ था। इसके निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य सितंबर 2022 में रखा गया था, लेकिन यह निर्धारित समय से पहले ही बन कर तैयार हो गया। इस संस्थान में मरीजों के लिए 200 बेड की सुविधा है। वहीं बच्चों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है। अधिकारियों के अनुसार, इस राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में 14 विभाग होंगे। यहां पर छात्र पीजी के साथ डाक्टरेट भी कर सकेंगे। यहां पर एक कक्षा में सात और एक समेस्टर में कुल 98 विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। वहीं 22 छात्रों के लिए डाक्टरेट करने की व्यवस्था होगी। संस्थान के परिसर में ही विद्यार्थियों के रहने के लिए गर्ल्स और ब्वॉयज हॉस्टल भी बनाया गया है। इसके अलावा संस्थान के अंदर 425 कारों की पार्किंग की सुविधा भी दी गई है।
संस्थान में यह होगा खास
इस संस्थान के शुरू होने के बाद यहां पर रोजाना करीब 1000 लोगों का ओपीडी में इलाज हो सकेगा। एम्स की तर्ज पर बनाए गए इस संस्थान में आईसीयू, पांच ओटी, मेटरनिटी डिपार्टमेंट, एमआरआई, सीटी स्कैन, ब्लड बैंक, डिजिटल एक्स-रे कक्ष, पैथोलॉजी लैब, इमरजेंसी ओटी, क्लासरूम, पीकू-नीकू वार्ड, नर्सरी और प्राकृतिक चिकित्सा का इंतजाम किया गया है। यहां पर मरीजों को स्टीम बॉथ, हिप बॉथ और सोना बॉथ की भी होगी सुविधा। इस राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान में 50 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक लैब बनाया गया है। इस लैब में प्रचलित यूनानी दवाओं का नए सिरे से फॉर्मूला तैयार करने पर रिसर्च किया जाएगा।