- फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्र देने पर अब होगी निजी एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई
- आरटीओ की ओर से जांच के लिए बनाई गई एक टीम
- टीम करेगी फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्रों की जांच
Gurugram Fitness Certificate News: पिछले कुछ वक्त से गुरुग्राम में वाहनों की फिटनेस को लेकर शिकायतें आ रही हैं। वहीं ऐसी भी खबरें आई हैं कि वाहन फिटनेस के नियमों की अनदेखी कर कुछ निजी एजेंसियां फिटनेस प्रमाण पत्र दे रही हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने ऐसी एजेंसियों के खिलाफ कमर कस ली है। नियमों की अनदेखी कर व्यावसायिक वाहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र देने पर अब निजी एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए आरटीओ की ओर से एक टीम का गठन भी किया गया है जो फिटनेस प्रमाण पत्रों की जांच करेगी।
फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्र देने वाली निजी एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश गुरुग्राम के आरटीओ सचिव रविंद्र यादव ने दिए हैं। उन्होंने बताया है कि मोटर व्हीकल निरीक्षक के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है जो एक हफ्ते में सभी निजी एजेंसियों की ओर से दिए जा रहे वाहनों की फिटनेस और फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्रों की जांच करेगी।
टीम करेगी फिटनेस के मापदंडों की जांच
रविंद्र यादव ने यह भी कहा है कि टीम वाहनों की फिटनेस के मापदंडों की भी निगरानी करेगी। टीम इस बात की भी जांच करेगी कि निजी एजेंसियां परिवहन विभाग की ओर से बनाए गए नियमों के तहत काम कर रही हैं या नहीं। अगर कोई भी निजी एजेंसी नियमों की अनदेखी या फिर उल्लंघन करती हुई पाई जाती है तो उसके खिलाफ परिवहन विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। गौरतलब है कि गुरुग्राम में व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस करने और उन्हें प्रमाण पत्र देने के लिए परिवहन विभाग ने सिर्फ नौ एजेंसियों को अनुमति दी है।
बैठे बिठाए लोगों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी
इसके बाद से बीते कुछ वक्त से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि एजेंसियों की ओर से नियमों अनदेखी हो रही हैं और एक जगह बैठे बिठाए लोगों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर दिए जा रहे हैं। ऐसे में अब टीम सभी निजी एजेंसियों की मौके पर पहुंचकर जांच करेंगी। साथ ही इस बात का भी पता लगाएगी कि व्यावसायिक वाहनों को किस आधार पर फिटनेस प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। इसके अलावा वाहनों की फिटनेस जांच में कितना वक्त लगता है सहित अन्य चीजों की जांच टीम करेगी।