- केंद्र व राज्य सरकार मिलकर बनाऐंगी साइंस सिटी
- साइंस सिटी के लिए दो स्थानों का चयन, सर्वे जल्द
- यहां पर आसान भाषा में दी जाएगी विज्ञान की जानकारी
Gurugram News: गुरुग्राम के लोगों को खास तोहफा मिलने जा रहा है। यहां पर हरियाणा सरकार केंद्र सरकार की मदद से 50 एकड़ में साइंस सिटी डेवलप करेगी। इसकी घोषणा हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने गुरुग्राम प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद हुई। यह बैठक गुरुग्राम में साइंस सिटी के लिए उपयुक्त स्थान तलाशने को लेकर हुई थी। मुख्य सचिव ने जिला उपायुक्त को जल्द से जल्द साइंस सिटी के लिए जमीन चयन करने के निर्देश दिए।
जिला उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि इस बैठक में सरकार के समक्ष मानेसर के पास एचएसआईआईडीसी द्वारा अधिग्रहित भूमि या फिर पुरानी दिल्ली रोड पर आईडीपीएल प्लांट के पास साइंस सिटी विकसित करने का विकल्प रखा गया है। दोनों स्थानों का निरीक्षण कर जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। यह प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद हरियाणा देश का चौथा राज्य होगा, जहां पर साइंस सिटी विकसित की जाएगी। इससे पहले पश्चिम बंगाल, पंजाब और गुजरात में साइंस सिटी बन चुकी है।
मिलेगी विज्ञान की व्यावहारिक जानकारी
इस साइंस सिटी को राज्य सरकार के विज्ञान और प्रोद्यौगिकी विभाग, हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र व संस्कृति विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से विकसित करेंगे। साइंस सिटी में बच्चों व युवाओं को विज्ञान के बारे में किताबी ज्ञान के साथ व्यवहारिक जानकारी भी मिलेगी। वे विज्ञान संबंधी तथ्यों को बारीकी से समझ सकेंगे। इसका फायदा गुरुग्राम के अलावा, फरीदाबाद, दिल्ली, झज्जर, बहादुरगढ़ समेत हरियाणा व राजस्थान के लोगों को मिलेगा।
बच्चों से लेकर यूनिवर्सिटी के छात्र तक को फायदा
इस साइंस सिटी के बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र अधिकारी डॉ. सुल्तान सिंह ने कहा कि यहां पर खेल-खेल में विज्ञान व गणित के ज्ञान को सिखाया जाएगा। जिससे बच्चे व युवा आसानी से विज्ञान संबंधी अपने संशयों को दूर कर सकें। इसमें एक साइंस म्यूजियम भी बनाया जाएगा। जिसमें विज्ञान गैलरी, विज्ञान के साइंटिफिक प्रिंसिपल, थीम बेस्ड गैलरी, डिजीटल प्रणाली, गणित संबंधी विषयों की जानकारी दी जाएगी। इस साइंस सिटी की सबसे खास बात यह होगी कि यहां पर बच्चों के साथ यूनिवर्सिटी के छात्र व आम आदमी भी विज्ञान को आसानी से समझ सकेंगे। आगे चलकर यहां पर इसरो की वैज्ञानिक सुविधाओं को भी विकसित किए जाने की योजना है।