- नगर निगम चुनाव के लिए हो रही है वार्डबंदी
- जनगणन सर्वे की रिपोर्ट में पकड़ी गई गड़बड़ी
- कई इलाकों में जनसंख्या से ज्यादा दिखा रखे वोटर
Gurugram MC: गुरुग्राम नगर निगम का कार्यकाल इस साल नवंबर माह में खत्म होने जा रहा है, जिसके लेकर चुनाव की तैयारियां अभी से शुरू हो गई है। इस समय गुरुग्राम में नगर निगम वार्डों के परिसिमन का कार्य चल रहा है। वार्डबंदी का कार्य निगम की तरफ से एक निजी एजेंसी को सौंपा गया है। जो नगर निगम के दायरे में आने वाले एरिया में घर-घर जाकर जनगणना कर रही है। इस जनगणना के आधार पर ही वार्डबंदी कराई जाएगी। यह जनगणना और वार्डबंदी अभी चल ही रही है कि विवाद शुरू हो गया है।
दरअसल, नगर निगम ने वार्डबंदी कर रही निजी कंपनी के सर्वे रिपोर्ट के आधार पर वोटरों की एक लिस्ट तैयार की है। जिसके पब्लिक होने के बाद से विवाद शुरू हुआ। निगम द्वारा बनाए गए इस सर्वे रिपोर्ट में शहर के कई हिस्सों में जनसंख्या से ज्यादा वोटरों की संख्या को दिखाया गया है। निगम की जनगणना में दौलताबाद गांव में मतदाताओं की संख्या 6640 है जबकि जनगणना में यहां की जनसंख्या मात्र 5875 है। इसी तरह, भीमगढ़खेड़ी फेस एक व तीन में वोटरों की संख्या 5293, जबकि यहां की जनसंख्या 4674 है। सर्वे रिपोर्ट में इस तरह की गड़बड़ी पकड़ी जाने के बाद डीसी निशांत यादव ने पूरे मामले की जांच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है।
घर बैठकर जनगणन रिपोर्ट तैयार करने का अंदेशा
निगम की जनगणना रिपोर्ट में इस तरह की गड़बड़ी मिलने के बाद विपक्ष ने वार्डबंदी समेत जनगणना के पूरे मामले में घोटाले का आरोप लगाया है। वहीं इस मामले को लेकर नगर निगम के अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। इस सर्वे रिपोर्ट में एक हैरान करने वाला तथ्य यह भी है कि न्यू पालम विहार फेस-2 में वोटरों की संख्या 2343 है जबकि यहां की जनसंख्या 390 बताई गई है। इतनी बड़ी खामियां, नगर निगम के कई अधिकारियों की टेबल से होकर गुजरीं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब यह अप्रूवल के लिए डीसी ऑफिस पहुंची तो इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ। निगम अधिकारियों के अनुसार, सर्वे करने वाली कंपनी ने हकीकत में सर्वे किया ही नहीं। इस सर्वे को देखकर लग रहा है कि यह सर्वे सिर्फ ऑफिस में बैठकर किया गया। जांच के बाद सार मामला साफ हो जाएगा।