- फर्जी गन लाइसेंस के मुख्य आरोपी मनीष की गोली मार कर हत्या
- मनीष के दोस्त सन्नीकांत ने चलती गाड़ी में पीछे से मारी गोली
- दोनों के बीच पैसे के लेन-देन को लेकर हुई थी बहस, आरोपी फरार
Gurugram Murder: गुरुग्राम में एक दोस्त ने अपने ही साथ को गोली मार कर हत्या कर दी। पुलिस ने मृतक की पहचान गुरुग्राम के चर्चित फर्जी गन लाइसेंस बनवाने के मामले में आरोपित मनीष भारद्वाज के रूप में की है, वहीं गोली मारने वाला मनीष का दोस्त और इसी मामले में सह आरोपी सन्नीकांत है। गुरुग्राम पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों एक तीसरे युवक के साथ बोलेरो गाड़ी से जिला अदालत गए थे। वहां से वापस आने के बाद करीब दो घंटे तक बोलेरो में घूमते रहे। इसी दौरान न्यू कालोनी में स्थित पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा के कार्यालय के पास मनीष को गोली मार दी गई।
पुलिस के अनुसार बोलेरो में घून के दौरान दोनों दोस्तों के बीच रकम के लेनदेन को लेकर बहस हुई। इससे गाड़ी में पीछे बैठा सन्नीकांत नाराज हो गया और अपनी पिस्टल निकालकर पीछे से मनीष के सिर और पीठ में गोली मार दी और भाग निकला। वहीं गोली चलने के बाद बोलेरो चालक भी गाड़ी को वहीं खड़ी कर भाग गया। जिसके बाद वहां से गुजर रहे एक स्कार्पियो में सवार कुछ युवक लहुलुहान मनीष को पास में ही स्थित आर्यन अस्पताल ले गए जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दोनों थे फर्जी गन लाइसेंस मामले के आरोपी
घटना की जानकारी देते हुए डीसीपी दीपक सहारण ने बताया कि अभी तक के पुलिस जांच में सामने आया कि मनीष बोलेरो की आगे की सीट पर बैठा था। वहीं प्रमोद नाम का युवक गाड़ी चला रहा था, जबकि सन्नीकांत पीछे की सीट पर बैठा था। बहस होने के बाद उसने पीछे से ही गोली मार दी और वाहन से उतर भाग गया। सन्नीकांत डेढ़ साल पहले कपड़े की दुकान चलाता था। पुलिस ने बताया कि फरवरी 2017 में मनीष और सन्नीकांत को फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने का रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस मामले में मनीष पर आरोप लगे थे कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर आसपास के राज्यों से गन के फर्जी लाइसेंस तैयार करता था और उनका री-रजिस्ट्रेशन गुरुग्राम से करा लेता था। यह मामला पूरे हरियरणा में चर्चित हुआ था। इस मामले में गुरुग्राम पुलिस की लाइसेंस शाखा में तैनात एक इंस्पेक्टर को भी निलंबित कर दिया गया था।