- आरोपी को अनुशासनहीनता के कारण 1988 में आर्मी ने किया था बर्खास्त
- यूपी की 28 क्षेत्रीय भाषी फिल्मों में किया काम, दो नई फिल्में भी कर रखी साइन
- आरोपी पर हरियाणा के अलावा राजस्थान में भी लूट, चोरी के मामले दर्ज
Gurugram Crime: गुरुग्राम में एक हत्यारे की फ़िल्मी कहानी सामने आई है। सेना में नौकरी के दौरान अनुशासनहीनता के कारण बर्खास्तगी, फिर शुरू हुआ लूट और चोरी का सिलसिला। लूट के दौरान ही माल में हेरफेर का आरोप लगा और साथी की हत्या, फिर फरारी। पुलिस 25 हजार के इस इनामी बदमाश को 30 साल तक खोजती रही और यह पहचान बदल-बदलकर कभी टैक्सी व ट्रक चलाता तो कभी फिल्मों में एक्टिंग करता। एक्टिंग अच्छी करने लगा तो फिल्में भी मिलने लगी। कुछ ही सालों में 28 फिल्में कर डाली। यह सिलसिला जारी भी रहता अगर गुरुग्राम एसटीएफ को मुखबिर की तरफ से इस शातिर की जानकारी नहीं मिलती।
एसटीएफ ने हत्या समेत 6 मामलों के इस आरोपी को 30 साल बाद यूपी के गाजियाबाद से दबोचा। एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार आरोपी ओमप्रकाश उर्फ पासा साल 1992 में भिवानी इलाके में एक लूट के दौरान ही माल में हेरफेर के शक में अपने ही दोस्त की हत्या कर फरार हो गया था। इस दौरान यह कई सालों तक ट्रक और टैक्सी ड्राइवर भी रहा। फिर पहुंच गया उत्तर प्रदेश की क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में। एक दो फिल्मों में काम करने के बाद लोगों को इसकी एक्टिंग पसंद आई तो उसे फिल्मों में एक के बाद एक टकराव, दबंग छोरा यूपी, झटका जैसी फिल्मों में काम मिलने लगा। फिल्मों में यह कभी हीरों के पिता का रोल करता तो कभी हिरोइन के। कई फिल्मों में उसने विलेन और ग्राम सरपंच का भी रोल किया।
इन जगहों पर दर्ज हैं मामले
आरोपी ने अब तक 28 फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाए। इस गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ही इस शातिर ने दो और फिल्में साइन की थी, जिसकी शूटिंग भी जल्द शुरू होने वाली थी, लेकिन उसके पहले ही एसटीएफ ने दबोच लिया। एसटीएफ के अनुसार इस आरोपी को साल 1988 में अनुशासनहीनता के आरोप में आर्मी से डिसमिस कर दिया गया था। ओमप्रकाश पर साल 1986 में चोरी का पहला मामला दर्ज हुआ था। इसी मामले को लेकर सेना से हटाया गया था। इसके बाद इसने 1990 में पानीपत में बाइक चुराई, फिर एक साथी के साथ मिलकर पानीपत में ही एक मशीन चोरी की फिर खरखोदा में स्कूटर चोरी किया। इसके अलावा राजस्थान में भी लूट व चोरी की दो वारदातो को अंजाम दिया। इसके बाद अपने साथी के साथ मिलकर 15 जनवरी 1992 को भिवानी में लाखों की लूट की और अपने साथी की हत्या कर फरार हो गया। पूछताछ में आरोपी ओमप्रकाश ने बताया कि वह 2007 में यूपी के हरबंस नगर में टैक्सी चलाता था। इसी दौरान उसकी पहचान क्षेत्रीय भाषा की फिल्म बनाने वाले लोगों से हो गई। जिसके बाद वह फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाने लगा। उसका काम भी लोगों को पसंद आ रहा था।