- शहर के पार्कों को अब निजी कंपनियां करेंगी विकसित व देखरेख
- पेड़ पौधो लगने जैसे छोटे-छोटे कार्य नहीं उलझेंगे टेंडर प्रक्रिया में
- जोन एक से निगम ने शुरू किया ट्रायल, सफलता मिलने पर सभी में लागू
Gurugram MC: गुरुग्राम नगर निगम अब अपने अधिकार क्षेत्र के सभी पार्कों का कार्य निजी एजेंसियों से करवाएगा। इन एजेंसियों को पार्क के अंदर हरी घास, पेड़-पौधे लगाने समेत सौंदर्यीकरण का सभी कार्य करना पड़ेगा। इसको लेकर निगम ने निजी एजेंसियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। इसमें वही एजेंसी आवेदन कर सकेगी, जिसे पहले से बागवानी कार्य का अनुभव हो। निगम अधिकारियों के अनुसार अभी इस योजना को ट्रायल के तौर पर एक जोन से शुरू किया जा रहा है। अगर ट्रायल सफल रहा तो चारों जोन में निजी एजेंसियों को नए पार्क विकसित करने के लिए चुना जाएगा।
निगम अधिकारियों के अनुसार शहर में ऐसे कई पार्क हैं जहां पर पेड़-पौधों या हरी घास विकसित नहीं किए जा सकें हैं। अब इन पार्कों को आसानी से विकसित किया जा सकेगा। निगम अधिकारियों के अनुसार इस समस्या का सबसे बड़ा कारण टेंडर प्रक्रिया है। अभी पार्कों में अगर सौ पौधे लगाने पड़ते हैं तो उसके लिए टेंडर प्रक्रिया करनी पड़ती है, जिसको पूरा करने में निगम अधिकारियों को दो-दो माह तक का समय लग जाता है। वहीं इस योजना के शुरू होने के बाद छोटे-छोटे कार्य के लिए टेंडर आदि की प्रक्रिया नहीं अपनानी पड़ेगी। इन एजेंसियों द्वारा जो पेड़-पौधे लगवाए जाएंगे उनका रखरखाव भी ये एजेंसी ही करेंगी।
निगम और शहर दोनों को होगा फायदा
बागवानी विभाग के कार्यकारी अभियंता अमरजीत बिसला ने बताया कि पार्कों में पेड़-पौधे लगाने के लिए निजी एजेंसियों को दो साल तक के लिए अनुबंध पर हायर किया जा रहा है। इससे शहर को काफी फायदा होगा। अनुबंध के आधार पर एजेंसियों से बागवानी के सभी कार्य करवाए जाएंगे। इससे निगम का पैसा और समय दोनों बचेगा। इसके अलावा पार्कों में ओपन जिम, चार दिवारी या अन्य सामग्री लगाने के लिए अलग से टेंडर ऑनलाइन लगाए जाएंगे। कार्यकारी अभियंता ने बताया कि इस योजना से निगम के दायरे में आने वाले सेक्टर व कॉलोनियों की ग्रीन बेल्ट को भी विकसित किया जाएगा। जिन ग्रीन बेल्टों पर लोगों ने कब्जा कर रखा है, उसे मुक्त कराया जाएगा।