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Gurugram News: पारिवारिक झगड़े अब कम्युनिटी लाइजिंग ग्रुप निपटाएगा, नहीं लगाने पड़ेंगे पुलिस के चक्‍कर

Updated Apr 09, 2022 | 19:04 IST

Gurugram News: गुरुग्राम के लोगों को अब पारिवारिक विवाद के कारण पुलिस कचेहरी के चक्‍कर नहीं लगाने पड़ेंगे। ऐसे विवादों को अब कम्युनिटी लाइजिंग ग्रुप सुलझाएगा। यह ग्रुप इसी माह से काम करना शुरू कर देगा। यहां पर काउंसलिंग की सुविधा भी मिलेगी।

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तस्वीर साभार:&nbspFacebook
कम्युनिटी लाइजिंग ग्रुप में कई सदस्‍य रखे जाएंगे
मुख्य बातें
  • कम्युनिटी लाइजिंग ग्रुप निटपाएगा पारिवारिक विवाद
  • लोगों को नहीं लगाने पड़ेंगे पुलिस व थाने के चक्‍कर
  • सुनवाई के दौरान लोगों को मिलेगी काउंसलिंग की सुविधा

Gurugram News: साइबर सिटी के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब पारिवारिक विवाद में पुलिस कचहरी के चक्‍कर नहीं लगाने पड़ेंगे। ऐसे विवादों को अब कम्युनिटी लाइजिंग ग्रुप सुलझाएगा। इसके लिए गुरुग्राम पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। योजना के अनुसार इसी माह से यह ग्रुप काम करना शुरू कर देगा। यह ग्रुप परिवार में आपसी विवाद और मन-मुटाव से होने वाले झगड़ों को बिना कानूनी कार्रवाई के निपटाएगा।

समस्‍या को जड़ से खत्‍म करने पर रहेगा ध्‍यान

इस योजना की जानकारी देते हुए डीसीपी मुख्यालय आस्था मोदी ने बताया कि परिवार के सदस्यों से आपसी मनमुटाव,प्रॉपर्टी विवाद और मतभेदों से संबंधित शिकायतें मिलने पर अब सीधे कार्रवाई नहीं होगी। ऐसे विवादों को सबसे पहले सुनवाई के लिए कम्युनिटी लाइजिंग ग्रुप में भेजा जाएगा। वहां पर दोनों पक्षों की बातों को सुनने के बाद समस्‍या को खत्‍म करने पर ध्‍यान दिया जाएगा। ताकि इन विवादों के परिवार के बीच दूरियां न बढ़ सकें।

एनजीओ व सामाजिक लोग होंगे ग्रुप के सदस्‍य

कम्युनिटी लाइजिंग ग्रुप में कई सदस्‍य रखे जाएंगे। इसमें कुछ एनजीओ से एक-एक सदस्‍या को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा सामाजिक पहचान रखने वाले वकील और काउसंलर भी इस ग्रुप का हिस्‍सा होंगे। ऐसे ही लोगों को मिलाकर तीन से चार टीमों का पैनल बनाया जाएगा। शिकायत पर सुनवाई के दौरान टीम के सदस्यों के साथ एक पुलिसकर्मी भी मौजूद रहेंगे। पैनल सबसे पहले दोनों पक्षों की बातें सुनेंगा ओर उसके बाद उनके मतभेदों को दूर करने का प्रयास करेगा। पैनल की कोशिश रहेगी सामाजिक समरसता से शिकायत का ग्रुप में ही निपटारा किया जा सके। वहीं जिस शिकायत का निपटारा नहीं होगा, उस पर पैनल में मौजूद वकील के माध्यम से उनको कानूनी सलाह भी दी जाएगी।

काउसलिंग की सुविधा भी मिलेगी

शिकायतों का निपटारे के दौरान अगर किसी पक्ष को काउंसलिंग की जरूरत महसूस होगी तो उसे पैनल में मौजूद काउसंलर से काउसलिंग भी कराई जाएगी। उनसे बातचीत कर कौन सी बातें परिवार के सदस्यों की उनको ज्यादा परेशान करती है। उन सबके लिए काउसलिंग ही बेहतर तरीका है। ताकि उनके मन में जो भी गलत मतभेद उत्पन्न हुए है। उनको खत्म करने में वह उनकी मदद करेंगे। पहले की तरह बिना मतभेदों के अपने परिवार के साथ मिल कर रहे।