- थायराइड समस्या के दौरान स्वास्थ्य पर देना चाहिए विशेष ध्यान
- गोइट्रोजेंस और कैफीन समेत इन चीजों का सेवन करने से बचें
- थायराइड एक ऐसी समस्या है जिसमें खानपान पर बेहद जोर देना पड़ता है
नई दिल्ली: आज के जमाने में थायराइड की समस्या आम हो गई है। हमारे गले में एक एंडोक्राइन ग्लैंड पाया जाता है जिसे हम थाइराइड कहते हैं। यह ग्लैंड हमारे गले में मौजूद होता है जो थायराइड नाम के हार्मोन को बनाता है। यह हार्मोन हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म रेट को संतुलित करने में मदद करता है।
आयोडीन की मदद से थाइराइड ग्लैंड यह हार्मोन बनाता है। जब थायराइड हार्मोन का लेवल हमारे शरीर में असंतुलित होने लगता है तब कई परेशानियां पैदा होने लगती हैं। लोग यह समझते हैं कि दवाई खाने से उनका थायराइड ठीक हो जाएगा इसीलिए खान-पान पर ध्यान देने का लाभ नहीं है। लेकिन जानकारों के मुताबिक गलत खान-पान आपके दवाई के असर को धीमा कर सकता है। अगर आपका खाना आपके दवाई के प्रभाव को कम कर रहा है तो हो सकता है कि भविष्य में आपको और दवाइयों का सहारा लेना पड़े। इसीलिए थायराइड के रोगियों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिससे उनकी दवाई सही तरीके से प्रभावशाली साबित हो।
यहां जानिए थाइरोइड के समय किन चीजों का परहेज करना है आवश्यक।
गोइट्रोजेंस
गोइट्रोजेंस ऐसे कंपाउंड होते हैं जो थायराइड ग्रंथि के कार्य में विघ्न डालते हैं। यह कंपाउंड सोयाबीन, टोफू, सोया मिल्क, पत्ता गोभी, फूल गोभी, पालक, ब्रोकली, शकरकंद, आड़ू, स्ट्रौबरी, बाजरा और मूंगफली में पाया जाता है। हाइपोथायराइड वाले लोगों को इन चीजों का सेवन कम करना चाहिए। जिन लोगों में आयोडीन की कमी पाई जाती है उन लोगों को भी इन खाद्य पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए।
कैफीन
अगर थायराइड के रोगी चाय, कॉफी, ग्रीन टी या ब्लैक टी का सेवन थायराइड की दवाई खाने से पहले या खाने के 1 घंटे के अंदर करते हैं तो यह पेय पदार्थ दवाई के असर को कम कर देते हैं। दरअसल, कैफीन हमारी आंतों को दवाई अवशोषित करने नहीं देते हैं। इसकी वजह से आपका थायराइड का लेवल घटता और बढ़ता रहता है। जिन लोगों को थायराइड है उन्हें खाली पेट थायराइड की दवाई खानी चाहिए और दवाई खाने के 1 घंटे के अंदर कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए।
एल्कोहल
जिन लोगों को थाइराइड है उन लोगों को एल्कोहल से दूर रहना चाहिए क्योंकि यह थायराइड ग्रंथि के फंक्शनिंग में बाधा पैदा कर सकता है। एल्कोहल का सेवन करने से थाइराइड हार्मोन T3 और T4 के स्तर में कमी आ सकता है। एल्कोहल पीने से थायराइड ग्रंथि की कोशिकाओं को हानी पहुंचती है जिसकी वजह से वह छोटा हो सकता है। अगर थायराइड ग्रंथि छोटा हो जाएगा तो शरीर में T3 हार्मोन अनियंत्रित हो जाएगा। एल्कोहल का सेवन करने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिसकी वजह से इन्फेक्शन और इंफ्लेमेशन की समस्या बढ़ सकती है। इसीलिए थायराइड रोगियों को डॉक्टर्स एल्कोहल का सेवन करने के लिए मना करते हैं।
रिफाइंड ऑयल
रिफाइंड ऑयल का सेवन करने से शरीर के अंदर विषैले पदार्थ बढ़ने लगते हैं। इन फ्री रेडिकल्स के वजह से शरीर की कोशिकाओं को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। रिफाइंड ऑयल थायराइड की बीमारी को उल्टा और बढ़ाते हैं और थायराइड हार्मोन को बनने से रोकते हैं। रिफाइंड ऑयल थायराइड हार्मोन के फंक्शनिंग में बाधा डालते हैं जिससे हमारे शरीर को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जो इंसान थायराइड की समस्या से परेशान है उसे रिफाइंड ऑयल का सेवन नहीं करना चाहिए।
आयोडीन
हमारे शरीर के लिए आयोडीन एक जरूरी पदार्थ होता है जिसको नियमित रूप से ही लेना चाहिए। थायराइड ग्रंथि के लिए आयोडीन बेहद जरूरी होता है क्योंकि आयोडीन की मदद से ही थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन को बनाती है। अगर शरीर में आयोडीन की कमी रहेगी तो थायराइड ग्रंथि का साइज बढ़ सकता है। लेकिन आयोडीन का लेवल जरूरी मात्रा से अधिक रहेगा तो वह भी हानिकारक साबित होता है। इसीलिए डॉक्टर्स आयोडीन का इस्तेमाल नियमित रूप से करने के लिए कहते हैं।
जिन लोगों थायराइड की समस्या है उन लोगों को अंडे, हरी फलियां, डेयरी उत्पाद, मछली, सेब, काजू, बादाम, खट्टे फल, नाशपाती, दाल, साबुत अनाज तथा बीज खाना चाहिए।