मुंबई : अस्वास्थ्यकर जीवन शैली, गलत दिनचर्या और गलत शारीरिक रचना - इसकी वजह से पीठ से संबंधित गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती है। काम के बढ़े हुए घंटे और समय पर काम पूरा करने के तनाव, ये आज का अधिकांश वर्किंग स्टाइल हो चुका है। जब आपके शरीर की मांसपेशियों और जोड़ों को संतुलित रहेंगे तो ही आप दैनिक गतिविधियां आसानी से कर सकते हैं।
स्पाइन विशेषज्ञ डॉ. गरिमा आनंदानी के मुताबिक, यदि आपका पेट और मांसपेशियां मजबूत हैं, तो आपकी पीठ मजबूत रहती है। ऐसी स्थिति में पीठ दर्द या चोट ज्यादा परेशान नहीं करती। रीढ़ की हड्डी और पीठ की मांसपेशियों का नियमित व्यायाम करने से निचले हिस्से का दर्द कम होता है। लगातार इस रुटीन को बनाए रखने से ये पूरी तरह ठीक भी हो सकता है।
रोजमर्रा की जिंदगी में स्वस्थ पीठ के लिए अपनी शारीरिक संरचना में सुधार करने के आसान तरीके :
1. खड़े होना : हर एक घंटे के बाद कुर्सी से उठ जाएं ताकि शारीरिक स्थिति में कोई बदलाव आए। मांसपेशियां ना फैलें इसलिए स्ट्रेच करें।
2. ठीक तरह झुकें : नीचे झुकते समय पहले अपने घुटने नीचे झुकाएं, सीधे पीठ ना झुकाएं। सीधे पीठ पर झुक गए तो मांपेशियों और रीढ़ की हड्डी पूर पूरा दबाव आएगा।
3. ठीक तरीके से कुर्सी पर बैठें : कुर्सी पर बैठते वक्त आराम से बैठें। पीठ को कुर्सी का सपोर्ट मिलना जरूरी है। आप के हाथ को भी सपोर्ट मिलना जरुरी है।
4. कंप्यूटर पर काम करते वक्त इन चीजों का ध्यान रखें : आप अगर लैपटॉप और डेस्कटॉप पर काम कर रहे हों तो इस चीजों के सबसे ऊपरी भाग आपकी नजर के 90 डिग्री के कोण में होनी चाहिए। वहीं माउस भी 90 डिग्री के कोण पर होना चाहिए। मोबाइल फोन इस्तेमाल करते वक्त गर्दन न झुकाएं, सिर्फ नजर नीचे रखें।
5. वजन उठाते वक्त सावधान रहें : वजन उठाते वक्त पूरी तरह नीचे ना बैठें, वजनदार चीज आपके शरीर के पास आने दें और उसके बाद ही उसे उठाएं। ऐसा न करने पर आपको पीठ की तकलीफ हो सकती है।
6. स्ट्रेचिंग जरूरी है : आराम से स्ट्रेचिंग करें। आपके हाथ आपकी पीठ की निचली बाजू में रखे और पीछे बाजू झुके (अगर दर्द हो तो विशेषज्ञों की सलाह लें, उनकी सलाह के बिना स्ट्रेचिंग ना करें)।
7. वॉक करें : किसी भी व्यक्ति को फोन करते वक्त चलते-चलते फोन करें। ऑफिस में किसी को टेक्स्ट मेसेज भेजने से अच्छा है, उसके डेस्क के पास जा कर बात करें। इसी बहाने आप कुछ कदम भी चल लेंगे।