- बथुआ में पोषक तत्वों का खजाना भरा है
- वेट लॉस और कब्ज से राहत के लिए इस साग को खाएं
- पथरी और पेट के कीड़े को खत्म कर देता है बथुआ
बथुआ में इतना पोषण होता है कि इसे खाने से आपके शरीर कि कई पोषक तत्वों की कमी पूरी होती है, वहीं ये आपकी कई बीमारियों का इलाज भी है। कई ऐसी गंभीर बीमारियों का इलाज केवल बथुआ कर सकता है, जो आप तगड़ी दवाएं खाकर करने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए अगल बार खाने से मना करने से पहले इसके गुणों को जरूर याद करिएगा, जो आज यहां बताए जा रहे हैं।
बथुए पाचन क्षमता को सुधार को उसे मजबूती देता है। यही कारण है कि ये वेट लॉस में भी बहुत इफेक्टिव होता है। साथ ही ये पथरी से लेकर लिवर तक की समस्या के लिए दवा की तरह काम करता है। बथुआ शुक्राणुवर्धक होता है। इसलिए कोशिश करें कि ठंड कि शुरुआत के साथ ही बथुए को रोज अपने आहार का हिस्सा बना लें।
जानें, बथुए के औषधिय गुण और फायदे
- पोषकता का खजाना है बथुआ : बथुआ पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें बहुत विटामिन ए ओर डी, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम के साथ आयरन, मैग्निशियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं।
- कब्ज से मुक्ति: बथुआ आमाशय को मजबूत बनाता है। इसकी सब्जी में फाइबर बहुत होता है इससे छोटी और बड़ी दोनों ही आंत अच्छे से साफ होती है। इससे कब्ज या गैस जैसी समस्या भी नहीं होने पाती। कोशिश करें कि रोज इसे दिन के समय खाएं।
- पाचन के साथ पेट रोग में फायदेमंद : बथुआ का साग पाचन क्षमता के लिए रामबाण है। बथुए का रस, साग, रायता कुछ भी रोज खाने से पेट के हर प्रकार के रोग तो दूर होते ही हैं, ये लिवर की समस्या, तिल्ली बढ़ना, अजीर्ण, गैस, पेट के कीड़े को मारने के साथ किडनी की पथरी को भी बाहर निकाल देता है।
- वेट लॉस में कारगर: क्योंकि बथुए के साग में फाइबर बहुत होता है इसलिए ये पेट को लंबे समय तक भरा महसूस करता है। इतना ही नहीं इसमें कैलोरी कम और पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा है। इसलिए इसे रोज खाने से वेट लॉस तेजी से होता है।
- यूनिर इंफेक्शन में कारगर : यूरिन से जुड़ी किसी भी समस्या में और यूटीआई में बथुए का रस पीना शुरू कर दें। चाहें तो इसमें नींबू, नमक,जीरा मिला कर पीएं। रोज दो गिलास पीने से तुरंत आराम मिलेगा। अगर खुल का यूरिन नहीं होती तो इसे पीने से समस्या दूर होगी।
- त्वचा रोग करता है दूर : बथुए को उबालकर इसका रस पीने या इसका साग खाने से त्वचा रोग जैसे सफेद दाग, फोड़े-फुंसी, खुजली में भी आराम मिलता है।
बथुए ज्यादा न खाएं, क्योंकि इसमें ऑक्जेलिक एसिड ज्यादा होता है। इससे डायरिया का खतरा हो सकता है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी इसे खाने से बचना चाहिए।