- ब्रेस्टफीडिंग से तेजी से होता है वेट लॉस
- ब्रेस्टफीडिंग भावनात्मक लगाव करता है पैदा
- ब्रेस्टफीडिंग पोस्ट डिलेवरी डिप्रेशन करता है कम
नवजात शिशु के लिए अगर कुछ अमृत है तो वह हैं मां का दूध। मां के दूध से शिशु का पेट ही नहीं भरता बल्कि इससे उसके ऑर्गेन्स भी डवलप होते हैं और उसके अंदर बीमारियों से लड़ने की शक्ति भी पैदा होती है। ब्रेस्टफीडिंग कराना शिशु के लिए भूख कम करने के साथ दवा की तरह काम करता है। ये बात तो हुई शिशु की लेकिन आपको पता है शिशु से ज्यादा फायदा आपको भी होता है।
एक मां प्रेग्नेंसी के दौरान कई समस्याओं और बीमारियों की भी शिकार हो जाती है, लेकिन जब वह ब्रेस्टफीडिंग शुरू करती है तो उसे भी लाभ होना शुरू होता है और उसकी समस्याएं कम होती जाती हैं। तो आइए जानें कि ब्रेस्टफीडिंग से मां को किस तरह से फायदा होता है।
ब्रेस्टफीडिंग से मां को भी होता है फायदा, कई बीमारियां होंगी दूर
ब्रेस्ट कैंसर ही नहीं प्री मेनोपॉज से भी बचेंगी आप
ब्रेस्टफीडिंग कराना शिशु के लिए जितना जरूरी है उतना ही जरूरी आपके लिए भी है क्योंकि इससे आप ब्रेस्ट कैंसर ही नहीं प्री-मेनोपॉज, ओवरी कैंसर,डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी जानलेवा बीमारियों से भी बच सकेंगी। इतना ही नहीं ब्रेस्टफीडिंग कराने के जादुई लाभ भी होते हैं। जाने ये क्या हैं?
हॉर्मोन्स बचाता है दिल की बीमारियों से
ब्रेस्टफीडिंग कराने से महिलाओं के अंदर एक गुड हार्मोन निकलता हे और ये हार्मोन दिल और दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाने में कारगर है। इसलिए बच्चे को जितना हो सके आप ब्रेस्टफीडिंग कराएं।
तेजी से होता है वेट लॉस
आपको जानकर हैरानी होगी कि आप जितना ब्रेस्टफीडिंग कराएंगी आपका वेट उतना ही तेजी से कम होगा। जी हां, प्रेग्नेंसी के दौरान आपने जितना वेट बढ़ाया होता है वह ब्रेस्टफीडिंग कराते हुए अपने आप कम होता जाता है।
खुशनुमा अहसास होगा
पोस्ट प्रेग्नेंसी डिप्रेशन से बचने के लिए शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराना जरूरी है। जब आप शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराएंगी तो उसके और आपके बीच बनने वाले एक इमोशनल संबंध आपके स्ट्रेस लेवल को कम करते हैं इससे स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसोल कम निकलता है।
आहर होता है पोषक से भरा
क्योंकि शिशु को आपको ब्रेस्टफीडिंग कराना है इसलिए आप हमेशा संतुलित और पौष्टिक भोजन ही करते हैं। इससे आपका शरीर और स्किन दोनों ही सुंदर बनते हैं।
शिशु का डायजेशन होगा बेहतर
मां का दूध शिशु आसानी से पचा लेता है लेकिन गाय या डब्बे का दूध उसे पचाने में कठिनाई होती है। इससे शिशु को गैस, कब्ज, दस्त जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
तो शिशु को जब आप ब्रेस्टफीडिंग करा रही हों तो इस बात से भी खुश हो सकती हैं कि ये आपको कई बीमारियों से भी बचा रहा है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।