न्यूयार्क : भोजन में कार्बोहाइड्रेट और शुगर की मात्रा अधिक होने से सिर और गले के कैंसर के उपचाराधीन मरीज को दोबारा कैंसर का खतरा बढ़ सकता है और वह मौत का कारण बन सकता है। यह बात एक शोध में सामने आई है। शोध में पाया गया है कि कैंसर का इलाज से पहले के साल में जिन्होंने कार्बोहाइड्रेट और सुक्रोज, फ्रक्टोज, लैक्टोज और माल्टोज के रूप में शुगर ज्यादा लिया, उनमें मृत्यु का खतरा अधिक होता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर में प्रकाशित अध्ययन में कैंसर के 400 मरीजों में 17 फीसदी से अधिक मरीजों में कैंसर की पुनरावृत्ति दर्ज की गई, जबकि 42 फीसदी की मौत हो गई। अरबाना शैंपैन स्थित इलिनोइस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और प्रमुख शोधकर्ता अन्ना ई. आर्थर ने बताया कि कार्बोहाइड्रेट खाने वाले मरीजों और अन्य मरीजों में कैंसर के प्रकार और कैंसर के चरण में अंतर पाया गया। हालांकि उपचार के बाद कम मात्रा में वसा और अनाज, आलू जैसे स्टार्च वाले भोजन खाने वाले मरीजों में बीमारी की पुनरावृत्ति व मौत के खतरे कम हो सकते हैं।
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शरीर को कार्बोहाइड्रेट की जरूरत क्यों
भोजन से कार्बोहाइड्रेट की कटौती करने से वजन अचानक से कम होता है लेकिन शरीर में इसकी कमी हो जाती है। भोजन में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट के नहीं होने से ब्लड ग्लूकोज कम हो जाता है साथ ही साथ शरीर में स्टोर ग्लाइकोजेन भी कम हो जाता है। लगातार कार्बोहाइड्रेट की कमी रहने से कई सारी परेशानियों के लक्षण उभरने लगते हैं। इसलिए आहार के रूप में इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है।
कार्बोहाइड्रेट के अभाव में ग्लूकोज शरीर में कम हो जाता है जिससे ब्लड शुगर का स्तर गिर जाता है। ऐसे में हाइपोग्लाइसेमिया होने का खतरा बढ़ जाता है, जिसकी वजह से चक्कर, थकान, तनाव और भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है। कुछ खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है, जो इसकी कमी की पूर्ति करता है। ये इस प्रकार हैं - शकरकंद, अरबी, काबुली चना, ब्राउन राइस, ओट्स, केला, आलू, गेहूं आदि।
एजेंसी इनपुट - IANS
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