नई दिल्ली: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मास्क सबसे कारगर चीज बताई गई है। कोविड 19 के खिलाफ मास्क का उपयोग सबसे ज्यादा जरूरी बताया गया है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि लोग घरों में भी मास्क में रहें और बाहर 2-2 मास्क का उपयोग करें। ऐसे में कई सवाल उठे कि मास्क कौन सा होना चाहिए। किस मास्क का उपयोग कितनी देर करना चाहिए। इसी को लेकर एक और सवाल है कि मास्क लगाकर अगर कोई खांसता या बोलता है तो क्या वायरस बाहर आ सकते हैं?
इसके जवाब में 'आकाशवाणी समाचार' के अनुसार, नई दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल के डॉ. एके वार्ष्णेय कहते हैं, 'ये निर्भर करता है कि व्यक्ति ने किस तरह का मास्क लगाया है। अगर किसी ने N95 मास्क लगाया है तो 95% सुरक्षा मिलती है। एन95 को काफी अच्छा माना जाता है। इसके बाद आता है सर्जिकल मास्क। ये ज्यादातर लोग ढीला लगाते हैं। लेकिन इसे इस तरह लगाएं कि मास्क लगाने के बाद मुंह का भाप या हवा बाहर न जाए क्योंकि अगर हवा बाहर आ रही है तो अंदर भी जा सकती है, इससे वायरस प्रवेश कर सकता है। अब आता है कॉटन का मास्क जो थोड़ा इन दोनों से कम या 50 प्रतिशत तक प्रोटेक्शन देते हैं। ऐसे में अब डबल मास्क के लगाने के लिए कहा जा रहा है। अगर बाहर जा रहे हैं तो नीचे सर्जिकल मास्क लगाएं और ऊपर से कॉटन मास्क लगाएं। ऊपर कॉटन मास्क इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि उसे धो सकते हैं। लेकिन एन 95 मास्क लगाया तो डबल मास्क की जरूरत नहीं है।'
बेहद जरूरी है मास्क
केजीएमयू में रेस्पिरेट्री मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी का कहना है कि मास्क म्यूटेशन की इन्ट्री को रोकता है। इससे शरीर के अंदर पहुंचने के बाद वह अलग-अलग प्रभाव दिखाते हैं। वर्तमान में जो बदलाव वाला वायरस शरीर के अंदर पहुंचता है तो उसकी संक्रमकता बहुत ज्यादा है। उन्होंने बताया कि एक बार संक्रमित खांसने में दो सौ करोड़ वायरस निकलते हैं। उसके पास चाय पीने बैठने वाला बोल रहा है, तो उसमें भी वायरस निकलते हैं। संक्रमित व्यक्ति के आस-पास बैठकर चाय पी रहे तो भी वायरस निकलते हैं। मास्क का उपयोग सही प्रकार से होना चाहिए। माइक्रो बायोलॉजी विभाग की डॉ. शीतल वर्मा ने बताया कि देखा गया है कि मास्क ठीक से पहनने से संक्रमण से 80-90 प्रतिशत बचाव हो सकता है। हर मास्क का अलग-2 बचाव है।