- शुगर की बीमारी एक बड़ा खतरा बन चुकी है
- शुगर के मरीजों को डायबिटिक फुट अल्सर से सावधान रहना चाहिए
- शुगर को कंट्रोल करने के लिए वॉक करना जरूरी है
आजकल तो कम उम्र के लोगों यहां तक कि कई बार बच्चों में भी शुगर की बीमारी हो रही है। ध्यान न देने पर ये बीमारी जानलेवा भी हो जाती है। अक्सर देखा गया है कि डायबिटीज मरीजों के पैरों में छाले या फिर घाव हो जाते हैं। जब ये बढ़ने लगता है तो इसे डायबिटिक फुट अल्सर कहते हैं। आमतौर पर ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जो शुरूआती घाव की अनदेखी करते हैं। मधुमेह होने के कारण वो घाव भर नहीं पाता। अगर आपके किसी प्रियजन को मधुमेह है या आपको है, तो फुट अल्सर के खतरे से कैसे बचें? आइए जानते हैं।
घाव को घाव रहने दें फुट अल्सर न बनने दें
सबसे पहले तो अगर आप मधुमेह के रोगी हैं, तो प्रतिदिन अपना मधुमेह जांचते रहें। इससे आपको डायबिटीज के स्तर का पता चलेगा। एक बात गांठ बांध लीजिए, अगर आपका ब्लड शुगर लेवल सामान्य रहेगा, तो कोई भी घाव जल्दी भर जाएंगे।
पैर में लगी हल्की-सी चोट को भी अनदेखा न करें। उस छोटी-सी चोट को बड़ा घाव न बनने दें। घाव होने पर अपना इलाज करने की बजाय अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
पैरों में घाव होने पर आपका डॉक्टर घाव पर दवा लगाकर पट्टी बांधता है। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि भूलकर भी एक ही पट्टी को कई दिनों तक न रखें। उसे प्रतिदिन बदलें।
घबराहट से रहें दूर
अक्सर देखा गया है कि जब घाव नहीं भरता है, तो डॉक्टर घाव वाले हिस्से को ऑपरेशन करके काटने की सलाह देते हैं। ऐसे में आपको डरना और घबराना नहीं चहिए। उस हिस्से को काट देने से आपका जीवन बच जाता है। अगर उस हिस्से को काटा न जाए, तो उसका जहर पूरे शरीर में फैल जाता है, जो आपके लिए सही नहीं।
लंबी वॉक यानी लंबी जिन्दगी
ब्लड से शुगर की मात्रा को कम करने के लिए बहुत जरूरी है कि आप प्रतिदिन एक्सरसाइज करें। इसमें सबसे बेहतर होगा कि आप सुबह-शाम एक लंबी वॉक लें। जितनी दूर तक आप चलेंगे, उतनी ही स्वस्थ रहेंगे।
डायबिटीज होने पर जितनी सावधानी आप बरतेंगे, आपका जीवन उतना ही लंबा चलेगा। अपनों से जल्दी दूर नहीं होना चाहते, तो अपना ख्याल रखिए।