- गुड़ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाता है मजबूत
- गुड़ खाने में जितना मीठा होता है इसके स्वास्थ्य लाभ भी उतने ही अधिक होते हैं।
- आयुर्वेद में औषधि के रूप में सेवन किया जाता है गुड़ का सेवन।
Gur ke Labh-Fayde: गन्ने के रस से बना गुड़ दिखने में जितना छोटा होता है, खाने में उतना ही स्वादिष्ट होता है। विटामिन बी 1, विटामिन सी, सोडियम, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, पोटेशियम और कैल्शियम से भरपूर यह पाचनतंत्र को दुरुस्त रखने के साथ पेट संबंधी बीमारियों से निजात दिलाने व इनके संक्रमण से दूर रखने में मदद करता है। बता दें गुड़ को प्राकृतिक डिटॉक्सीफायर के नाम से भी जाना जाता है, यह रक्त और फेफड़ों को डिटॉक्सीफाई करने के साथ इसकी कार्यक्षमता में वृद्धि करता है और मांसपेशियों की मजबूत बनाता है। गुड़ में आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, यह आरबीसी यानी लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करता है।
इतना ही नहीं गुड़ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है। साथ ही रोजाना सुबह गुड़ का सेवन करने से व्यक्ति खुद को ऊर्जावान महसूस करता है। यह जोड़ों में दर्द और शरीर में सूजन को भी कम करता है। बता दें कि दक्षिण पूर्वी एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ हिस्सों में गुड़ का सेवन अधिक किया जाता है। वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी भाग में गन्ने की खेती अधिक होती है। यही कारण है कि गुड़ भारतीय बाजारों और घरों में आसानी से मिल जाता है।
गुड़ के स्वास्थ्य लाभ
गुड़ खाने में जितना मीठा होता है इसके स्वास्थ्य लाभ भी उतने ही अधिक होते हैं। यह मौसमी बीमारियों से निजात दिलाने के साथ पाचनतंत्र को दुरुस्त रखता है। तथा यह तनाव को कम कर डिप्रेशन की समस्या से कोसों दूर रखता है। साथ ही यह पीरियड्स के दौरान महिलाओं के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। रोजाना सुबह एक गिलास पानी के साथ एक भेली गुड़ का सेवन कर आप पूरे दिन खुद को एनर्जेटिक रख सकते हैं। आपको शायद ही पता होगा कि गुड़ एकमात्र ऐसी मीठी चीज है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित कर कंट्रोल में रखता है।
इतना ही नहीं ये सांस संबंधी बीमारियों से भी निजात दिलाने में सहायक होता है तथा इनके संक्रमण से दूर रखने में कारगार होता है। इसके लिए आधी भेली गुड़ को सरसों के तेल में मिलाकर रोजाना सेवन करें।
गुड़ के घरेलू उपचार
गुड़ के अनगिनत फायदे के कारण घरेलू उपचार में इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में भी इसका औषधि के रूप में सेवन किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार अदरक के साथ गुड़ गर्म कर इसका सेवन करने से खांसी जुकाम से राहत मिलती है व इसके संक्रमण का खतरा कम रहता है। वहीं ताकत के लिए गुड़ को देशी घी में मिलाकर सेवन किया जाता है। वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार काली मिर्च के के गुड़ का सेवन करने से थकान दूर हो जाती है। ऐसे में रोजाना गुड़ का सेवन अवश्य करें।
गुड़ से क्या क्या बना सकते हैं
बता दें गुड़ की तासीर गर्म होती है। यही कारण है कि लोग सर्दियों में तिल और गुड़ के लड्डू बनाकर या चावल, मेवा यानी काजू, बादाम, पिस्ता व अन्य चीजों को गुड़ में मिलाकर सेवन करते हैं। यह ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसके अलावा आफ रागी के लड्डू बना सकते हैं। रागी के लड्डू तीन प्रमुख सामाग्रियों का उपयोग करके बनाए जाते हैं, जिसमें रागी,गुड़ और घी शामिल है। यह भारत के दक्षिणी भागों में अधिक खाया जाता है।
ध्यान दें
ध्यान दें गुड़ का सेवन बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इससे उल्टी, पेट दर्द, जी मिचलाना, सिरदर्द, खांसी आदि समस्याएं हो सकती हैं। वहीं गुड़ में फैट और प्रोटीन के साथ ग्लूकोज और फ्रुक्टोज भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में इसका अधिक सेवन करने से तेजी से वजन में वृद्धि हो सकती है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)