- जॉब बर्न आउट एक ऐसा सिंड्रोम है, जो कार्यस्थल पर होने वाले गंभीर तनाव की वजह से होता है
- ऑफिस का स्ट्रेस आपकी हेल्थ पर बुरा असर डालता है
- बर्नआउट में काम के दबाव के कारण व्यक्ति तनाव का शिकार होने लगता है
अक्सर देखा गया है कि कई लोगों को ऑफिस जाने के नाम से स्ट्रेस होने लगता है। ऑफिस में काम के दबाव के कारण न सिर्फ उनकी वर्क परफॉर्मेंस डाउन होने लगती है बल्कि वह पूरी तरह से नकारात्मकता से भर जाते हैं। जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक अपने कार्य में रुचि न ले पाने के साथ-साथ थकान महसूस करता रहा हो, जिसका नतीजा उसकी गिरती जॉब परफॉर्मेंस के रूप में सामने आ रहा हो तब उस स्थिति को जॉब बर्नआउट के नाम से जाना जाता है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, जॉब बर्न आउट एक ऐसा सिंड्रोम है, जो कार्यस्थल पर होने वाले गंभीर तनाव की वजह से पैदा होता है। ऑफिस का स्ट्रेस आपकी हेल्थ पर कैसे असर डालता है और इससे कैसे निपटा जाए, जानें एस.आर साइकेट्री सेंटर की क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. अभिलाषा द्विवेदी से...
जॉब बर्नआउट के लक्षण (Job burnout symptoms)
- ऑफिस जानें का नाम सुनते ही मन उदास हो जाना
- ऑफिस कलीग के कुछ कहते ही आप चिड़चिड़ाने लगते हैं
- उठते ही थकान या शरीर में एनर्जी की कमी महसूस होना
- ऑफिस में काम करने के दौरान फोकस ना कर पाना
- अक्सर काम करने के दौरान नकारात्मकता महसूस करना
- दोस्तों और परिवार वालों से इमोशनली दूर होते जाना
- बेहतर महसूस करने के लिये ड्रग्स या अल्कोहल का सेवन करना
- अचानक नींद की आदत में बदलाव आना
- रात में नींद न आना, छाती में दर्द, सिर दर्द, किसी बीमारी का बढ़ जाना, दिल की घबराहट, सांसों की कमी, चक्कर आना या बेहोशी
जॉब से होने वाला स्ट्रेस कैसे कम करें (Handling job burnout)
- समय पर सोएं और गहरी नींद लें।
- ऑफिस का काम घर पर न लाएं। ड्यूटी खत्म होने के बाद वर्कप्लेस छोड़ दें।
- काम के बीच में कुछ मिनट का ब्रेक लेकर कुर्सी से उठें और टहलें।
- बर्न आउट के लक्षण दिखने पर अपनी फेमिली और दोस्तों से बात करें।
- योग, मेडिटेशन या एक्सरसाइज करें। ऐसा करने से स्ट्रेस का लेवल कम होगा।
- खाने में फल, सब्जियां और साबुत अनाज लें। इनके पोषक तत्व तनाव और बेचैनी को कम करने में मदद करते हैं।
एक्सपर्ट की सलाह: अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को एक साथ मिक्स न करें। ना तो कभी ऑफिस का काम घर पर लाएं और ना ही घर की परेशानियों को ऑफिस के काम के साथ मिक्स करें। काम के अलावा उन चीजों में मन लगाएं जिसमें आपको मजा आता हो। इसके अलावा दफ्तर में कोई बात बहुत परेशान कर रही है, तो मन में न रखें बल्कि उसे अपने कलीग, बॉस या सुपरवाइजर से शेयर करें।