- फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है
- पानी में उबाल कर करें अदरक का सेवन
- नींबू, संतरा और मौसमी जैसे विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करें
इन्फ़्लुएन्जा या फ्लू(flu) एक खास वाइरस समूह से होने वाला संक्रमण है। यह एक व्यक्ति से दूसरे को हो सकता है। इसका उपचार सिर्फ इसके प्रभाव को कम करके किया जा सकता है। कुछ प्राकृतिक व घरेलू उपचार से भी हम इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं।
क्या हैं फ्लू के लक्षण (Symptoms of Flu)
फ्लू के लक्षण हैं बुखार, ज़ुकाम, सिरदर्द, बदन दर्द, गले में खराश, ठंड लगना, सूखी खांसी और थकान। फ्लू कई प्रकार का होता है। ज्यादातर मामलों में यह 3 से 7 दिनों के भीतर ठीक हो जाता है। लेकिन कई बार इसका प्रभाव ज्यादा पड़ने से यह विकराल रूप ले लेता है जिस कारण निमोनिया, एंसिफालिटिस(दिमागी बुखार), ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस (साइनस), या पेट व कानों का संक्रमण हो जाता है।
फ्लू संक्रमण छोटी उम्र के बच्चों, अधिक उम्र के वयस्क (60 साल या उससे अधिक) या फिर उन लोगो में ज़्यादा होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य बीमारियों के कारण कम हो जाती है। फ्लू के प्रभाव को कम करने के कई घरेलू उपचार भी मुमकिन हैं, इसलिए आपको हर बार डॉक्टर के पास जाने की भी आवश्यकता नहीं होती।
यहां जानें फ्लू के कुछ घरेलू उपचार (Natural Home Remedies for Flu)
- पानी व अन्य तरल पदार्थ : सबसे आसान और सस्ता इलाज है ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीना। पानी के अलावा आप अन्य तरल पदार्थों का भी सेवन कर सकते हैं। उदहारण के लिए नारियल पानी, फल व सब्ज़ियों को जूस, काढ़ा, ग्रीन टी, सूप व स्पोर्ट्स ड्रिंक्स। आपके शरीर में तरावट की कमी के कारण फ्लू होने पर नाक, गले और मुंह में खुजली, खराश या शुष्की होने लगती है। पेय पदार्थों से शरीर में नमी बनी रहती है जिससे खुजली और शुष्की कम होती है या नहीं होती।
- आराम करें : फ्लू होने पर हमें सबसे पहले खुद को बाकी लोगों से दूर कर लेना चाहिए यह एक फैलने वाला संक्रमण है और ज़्यादा ज़्यादा आराम करना चाहिए। अच्छी नींद लेने से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली अच्छे से कार्य करती है। जिससे फ्लू के वायरस से निजात पाने में आसानी होती है। जब फ्लू हो तब अपने हर काम को टालकर आराम पर ध्यान दें।
- रोज के खाने को ब्रोथ से बदलें : यदि आप मांसाहारी हैं तो आप गरम गरम चिकन ब्रोथ का सेवन कर सकते हैं। इसमें प्रोटीन और मिनिरल्स जैसे कि सोडियम, पोटेशियम प्रचुर मात्रा में होते हैं। इससे आपके इम्यून सिस्टम को बेहतर काम करनेमे मदद मिलेगी।
- नमक के गरारे : फ्लू के कारण गले की खराश को ठीक करने के लिए सबसे बेहतरीन उपाय है गरम पानी में नमक के गरारे। यह गले की सूजन को भी कम करता है और ज़ुखाम की वजह से बलगम को भी कम करता है। दिन में 4-5 बार गरम पानी में नमक डाल कर गरारे करना अच्छा रहेगा।
- भाप लें : गरारों की तरह भाप लगातार लेने से वायरस का प्रभाव खत्म हो जाता है। वायरस सूखे वातावरण में ज़्यादा पनपता है और नमी से बचता है। यदि फ्लू की वजह से सांस लेने में तकलीफ होने लगे या ज़ुकाम की वजह से नाक बन्द हो जाए तो दिन में 2 बार भांप अवश्य लें।
- अदरक से करें दोस्ती : अदरक के गुणकारी होने की बात हमारे शास्त्रों में भी कही है और विज्ञान भी प्रमाणित के चुका है। फ्लू में भी अदरक का सेवन आप किसी भी रूप में करें आपको लाभ मिलेगा। आप चाहें तो कद्दूकस करके कच्चा अदरक शहद के साथ ले सकते हैं या गरम पानी में अदरक उबाल कर उस पानी को छान कर पी सकते हैं।
- शहद करें शामिल : शहद की मिठास किसे नहीं भाती और अगर दवा के रूप में शहद का सेवन करना पड़े तो दवा भी अच्छी लगेगी। शहद भी एंटीबायोटिक की तरह काम करता है। इसके सेवन से हम अपने इम्यून सिस्टम को मजबूती देते हैं।
- विटामिन सी का करें भरपूर सेवन : यूं तो बीमारियों में मुंह का जायका बिगड़ जाता है और चटपटी चीजों से दूरी भी बनानी होती है। लेकिन फ्लू में आप विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करके अपने संक्रमण को भी कम कर सकते हैं और इनकी खटास से मुंह का जायका भी बनाए रख सकते हैं। नींबू, संतरा, मौसमी, किन्नू, अंगूर, आदि में विटामिन सी पाया जाता है।
क्या न खाएं फ्लू में (What not to eat in Flu)
फ्लू में क्या खाना है यह तो जान लिया क्या नहीं खाना है इसपर भी ध्यान देना होगा। यदि फ्लू के कारण संक्रमण पेट में हो गया है तो कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बनाई रखनी है। यह खाद्य पदार्थ हैं दूध, चीज़, कैफ़ीन युक्त पेय पदार्थ, मीट, तला खाना, फास्ट फूड, जंक फूड, मसालेदार खाना और शराब।