- अरुण जेटली का शनिवार दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर निधन हो गया
- पिछले साल ही जेटली का किडनी प्रत्यारोपण हुआ था
- वह मधुमेह से पीड़ित थे और उनकी हालत किडनी प्रत्यारोपण के बाद खराब हो गई थी
पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अरुण जेटली का शनिवार दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर निधन हो गया। उन्हें शुक्रवार (9 अगस्त) सुबह 11 बजे चेकअप के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था। जेटली लंबे समय से बीमार थे और इसी वजह से उन्होंने मोदी सरकार में शामिल होने से मना कर दिया था।
अरुण जेटली का इलाज एम्स में एंडोक्रिनोलोजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टरों की निगरानी में चल रहा था। वहीं इससे पहले पिछले साल ही जेटली का किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। इसके बाद उन्हें बाएं पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया था। जेटली इसकी सर्जरी के लिए इसी साल जनवरी में अमेरिका गए। वहीं, रिपोर्ट के मुताबित कहा ये भी जाता है कि वह मधुमेह से पीड़ित थे और उनकी हालत 14 मई, 2018 को किडनी प्रत्यारोपण के बाद खराब हो गई थी। इससे पहले, सितंबर 2014 में, उन्होंने अपना वजन कम करने के लिए एक बैरियाट्रिक सर्जरी भी करवाई थी।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें सख्त आहार का पालन करना पड़ता है। मधुमेह, मोटापे और दिल की बीमारियों से जुड़ा हुआ है। इसकी वजह से किडनी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
मधुमेह गुर्दे की बीमारियों का एक प्रमुख कारण है। डायबिटीज से पीड़ित हर 4 में से 1 वयस्क भी किडनी की बीमारी से पीड़ित हो जाता है। शरीर को स्वस्थ रखने में गुर्दे बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे शरीर के उत्सर्जन तंत्र का एक प्रमुख हिस्सा हैं, जो कचरे को छानने और शरीर से अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने में मदद करते हैं। शरीर के रक्तचाप को बनाए रखने के लिए गुर्दे भी जिम्मेदार हैं।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।
Health News in Hindi के लिए देखें Times Now Hindi का हेल्थ सेक्शन। देश और दुनिया की सभी खबरों की ताजा अपडेट के लिए जुड़िए हमारे FACEBOOK पेज से।