- टेलीकंसल्टेशन, पेपरलेस हेल्थ रिकॉर्ड, क्यूआर कोड आधारित ओपीडी पंजीकरण आदि बदलाव होंगे।
- मरीजों के पुराने मेडिकल रिकॉर्ड गुम नहीं होंगे और उनको कभी भी कहीं भी एक्सेस किया जा सकेगा।
- सरकार नागरिकों के आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA)आईडी बनाने का मौका दे रही है
Ayushman Bharart Digital Mission: मोदी सरकार देश के सभी अस्पताल, क्लीनिक और स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसके जरिए मरीजों को ओपीडी से लेकर पुराने हेल्थ रिकॉर्ड को रखने में बड़ी सहूलियत मिलेगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने अस्पताल, क्लीनिक और स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसे स्थानीय जरूरत के अनुसार राज्य सरकार बदलाव कर लागू कर सकेगी। जिसके जरिए हेल्थ रिकॉर्ड के डिजिटलाइजेशन से लेकर मरीजों को क्यू ऑर कोड आधारित ओपीडी सेवा मिल सकेगी।
क्या होंगे अहम बदलाव
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में डिजिटलाइजेशन पर फोकस रहेगा। जिसका फोकस मरीजों के लिए ईज ऑफ लिविंग को बेहतर करने पर है। इसके तहत टेलीकंसल्टेशन, पेपरलेस हेल्थ रिकॉर्ड, क्यूआर कोड आधारित ओपीडी पंजीकरण आदि बदलावों को शामिल किया जाएगा। पेपरलेस हेल्थ रिकॉर्ड के डिजिटलाइजेशन का सबसे बड़ा फायदा, रोगियों के पुराने मेडिकल रिकॉर्ड गुम नहीं होंगे और उनको कभी भी कहीं भी एक्सेस किया जा सकेगा। इसके अलावा पूरे इकोसिस्टम में डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड का डाटा तैयार होने से उसकी शेयरिंग भी आसान हो जाएगी। ऐसे में मरीज कहीं भी अपने हेल्थ रिकॉर्ड और पुराने प्रिस्क्रिप्शन को ऑनलाइन शेयर कर सकेगा।
सरकार तैयार कर रही है डिजिटल रिकॉर्ड
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत, सरकार नागरिकों के आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA)आईडी बनाने का मौका दे रही है। यह एक तरह का हेल्थ आईडी कार्ड है, जो किसी भी नागरिक के पूरे हेल्थ का पूरा डाटा डिजिटल फॉर्म में रखता है। इसके तहत यूजर को एक 14 अंकों वाला हेल्थ कार्ड मिलता है। जिसके जरिए कार्ड धारक अपने हेल्थ से जुड़ी सभी जानकारी डिजिटल फॉर्मेंट में हॉस्पिटल, क्लिनिक और बीमा कंपनी के साथ शेयर कर सकता है।
हेल्थ कार्ड यूजर्स को डिजिटल फ्री एक्सेस देता है। इसके तहत कहीं भी इलाज कराने पर, इलाज के पुराने कागज और बीमारी की हिस्ट्री के बारे में डॉक्टर से बताने की आवश्यकता नहीं होगी। वह मरीज का हेल्थ कार्ड देखकर ही, सब कुछ जान लेगा कि उसने पहले किन चीजों का कहां-कहां इलाज कराया है और उसकी स्थिति कैसी है। इसके अलावा यूजर को ऑप्ट इन ओर ऑप्ट आउट की सुविधा मिलती है। इसके तहत यूजर्स को स्वास्थ्य संबंधी सभी योजनाओं का लाभ दिया जाता है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति आभा कार्ड बनवा सकता है।
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कैसे बनवाए ABHA
ABHA हेल्थ कार्ड, आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए ऑनलाइन बनाया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के लिए, यूजर को healthid.ndhm.gov.in पर जाना होगा और ‘ABHA नंबर बनाएं’ पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपको आधार या ड्राइविंग लाइसेंस और दूसरी डिटेल दर्ज करनी होगी। जिसके बाद ओटीपी वैरिफिरेशन करना होगा। जिसके बाद ABHA नंबर बनेगा और उसका इस्तेमाल अस्पताल या डॉक्टर के पास किया जा सकेगा। अब तक 23.45 लाख से ज्यादा ABHA नंबर जेनरेट किए जा चुके हैं।