- प्रेगनेंसी में केला खाना सेहत के लिए अच्छा होता है।
- केले को अन्य फ्रूट के साथ मिक्स कर भी खाया जा सकता है।
- केला मां के साथ-साथ बच्चे के लिए भी लाभदायक है।
गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने साथ अपने भीतर जन्म ले रहे अपने बच्चे के पालन पोषण का भी ख्याल रखना पड़ता है। यही कारण है कि गर्भवती महिलाएं अपने खान पान को लेकर विशेष तौर पर सतर्क रहती हैं। विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां इस स्थिति में महिलाओं के लिए अच्छे साबित होते हैं। इसी प्रकार केला भी बहुत गुणवान होता है और इसका सेवन लाभदायक होता है लेकिन अक्सर महिलाएं इस दुविधा में रहती हैं कि उन्हें गर्भावस्था में केला खाना चाहिए या नहीं? कई शोधों में यह सिद्ध हुआ है कि गर्भावस्था में केला खाना महिलाओं के लिए लाभकारी हो सकता है।
इस लेख में हम गर्भावस्था में केला खाने के फायदों और नुक्सान के बारे में चर्चा करेंगे।
प्रेग्नेंसी में केला खाने के फायदे:
1. मॉर्निंग सिकनेस
प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस यानी उल्टी और मतली जैसी समस्या से परेशान हैं, तो केले का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी प्यूरी बनाकर एक-एक चम्मच थोड़ी-थोड़ी देर में खाने से उल्टी और मतली से कुछ राहत मिल सकती है। माना जाता है कि केला पेट में होने वाली बेचैनी को दूर कर सकता है। इससे उल्टी होने की समस्या और जी मिचलाना कम हो सकता है।
2. ऊर्जा का स्रोत
केला ऊर्जा का अच्छा स्रोत होता है। सौ ग्राम केले में 116 kcal एनर्जी होती है। इसके अलावा, केले में तीन प्राकृतिक शुगर यानी सूक्रोज, फ्रुक्टोज और ग्लूकोज होते हैं। इनकी मदद से शरीर को दिनभर ऊर्जा मिलती रहती है। इसी वजह से इसे तुरंत ऊर्जा पाने का अच्छा माध्यम माना जाता है। इसी वजह से गर्भावस्था के दौरान ऊर्जात्मक महसूस करने के लिए केले का सेवन किया जा सकता है।
3. कब्ज के लिए
गर्भावस्था में कब्ज की समस्या आम है। इस परेशानी को दूर करने में केला मदद कर सकता है। दरअसल, केला फाइबर से भरपूर होता है। यह बॉवेल मूवमेंट को बेहतर करके मल निकासी को आरामदायक बना सकता है। इसके अलावा, डायरिया की परेशानी से गुजर रहे लोगों के लिए भी केला अच्छा साबित हो सकता है। इसे रोजाना सुबह खाने से यह लैक्सेटिव प्रभाव दिखाता है। इसी वजह से कब्ज को दूर करने में केले को अच्छा माना जा सकता है।
4. रक्तचाप नियंत्रण
गर्भावस्था में केला खाना ब्लड प्रेशर के लिए भी अच्छा माना जाता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, केले में डाइटरी फाइबर, पोटैशियम और मैग्नीशियम होते हैं। इन पोषक तत्वों का ब्लड प्रेशर पर सकारात्मक असर पड़ सकता है। इसी वजह से केले को ब्लड प्रेशर के लिए अच्छा फल कहा जा सकता है।
5. एसिडिटी और हार्ट बर्न
केले का सेवन करने से शरीर में प्राकृतिक एंटासिड प्रभाव पड़ता है। इस प्रभाव से गैस्ट्रिक जूस की एसिडिटी यानी अमलता को बेअसर व न्यूट्रलाइज करने में मदद मिलती है। एक अन्य रिसर्च के अनुसार, केला पेट की परत में बलगम के उत्पादन को बढ़ावा देता है। यह बलगम पेट की परत और एसेडिक गैस्ट्रिक जूस के मध्य रहता है, जिससे एसिडिटी के कारण होने वाले हार्ट बर्न को कम करने में मदद मिल सकती है।
6. मजबूत हड्डियां
केले में मौजूद पोषक तत्वों को हड्डी के लिए अच्छा माना जाता है। एक रिसर्च पेपर के मुताबिक, केला बोन मिनरल डेंसिटी यानी हड्डी के घनत्व को बनाए रखने में मदद कर सकता है। केले में हड्डी के स्वास्थ्य के लिए जरूरी विटामिन ए और पोटैशियम होते हैं। साथ ही केले में फ्रक्टुलिगोसैकेराइड्स प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो शरीर में कैल्शियम अवशोषण में मदद कर सकते हैं।
गर्भावस्था के आहार में केला को कैसे शामिल करें-
गर्भावस्था में केला खाना चाहिए, यह तो आप जान ही गए हैं। अब आगे हम इसे आहार में शामिल करने के कुछ तरीके बता रहे हैं। वैसे आप सीधे इसे फल के रूप में खा सकते हैं। इसके अलावा, गर्भावस्था में केला खाने के अन्य तरीके कुछ इस प्रकार हैं।
-केले को अन्य फलों के साथ मिलाकर फ्रूट सलाद के रूप में खा सकते हैं।
-गर्भावस्था में केले का उपयोग करके बनाना स्मूदी बना सकते हैं।
-ओटमील बनाते समय उसमें ऊपर से केला डाल सकते हैं।
-केले से मिल्कशेक बनाकर पी सकते हैं।
-गर्भवती दिनभर में एक केला कभी भी खा सकती है।
प्रेगनेंसी में केला खाने के नुकसान:
गर्भवती को केले का सेवन करके फायदे ही होते हैं। जबतक इसका अत्यधिक सेवन न किया जाए, तो इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। हां, अगर किसी को केले से दिक्कत है तो उसे केला खाना नजरअंदाज करना चाहिए वरना इससे दिक्कत हो सकती है।