- रक्तचाप को नियंत्रित करने में स्पिरुलिना काम आता है
- डायबिटीज रोगियों को रोज स्पिरुलिना जरूर लेना चाहिए
- ये आंतों में स्वस्थ बैक्टिरिया को बनाए रखने में मददगार है
स्पिरुलिना को सुपरफूड की कैटेगेरी में रखा गया है। ये एक तरह का नीला-हरा शैवाल (Algae) है। प्रोटीन और विटामिन से भरा स्पिरुलिना शाकाहारियों के लिए किसी बेहतरीन डाइट्री सप्लीमेंट से कम नहीं है। एंटीऑक्सिडेंट, सूजन से लड़ने वाले गुण और इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में स्पिरुलिना का कोई तोड़ नहीं है। इतना ही नहीं ये ऐसी चीज हैं जिसे खा कर आप अपना वेट ही नहीं कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी भी कम कर सकते हैं। डायबिटीज और आंत के गंभीर रोग में भी स्पिरुलिना बहुत ही फायदेमंद हैं। स्पिरुलिना को अपने आहर में रोज शामिल करना आपको कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है।
स्पिरुलिना के ये हैं अद्भुद फायदे
1. वेट कम करने में है कारगर
स्पिरुलिना को वेट लॉस के लिए बहुत ही इफेक्टिव माना जाता है, क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा बेहद कम होती है। तीन महीने तक यदि लगातार स्पिरुलिना का सेवन किया जाए तो इससे बहुत तेजी से बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) में सुधार होने लगता है। ये मेटाबॉलिज्म को तेज कर देता है।
2. डायबिटीज रहता है कंट्रोल में
स्पिरुलिना डायबिटीज को कंट्रोल में करने में बहुत सहायक होता है। खासकर ये फास्टिंग में ब्लड शुगर का स्तर तेजी से कम करता है। हाई फास्टिंग शुगर की समस्या टाइप वन और टाइप टू डायबिटीज के रोगियों में बहुत आम समस्या होती है। ऐसे में यदि रोज स्पिरुलिना लिया जाए तो इससे आपका ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है।
3. कोलेस्ट्रॉल कम करने में कारगर
कोलेस्ट्रॉल अस्वास्थ्यकर वसा है जो हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाता है। स्पिरुलिना की खुराक लेने भर से ब्लड में लिपिड के स्तर पर तेजी से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। स्पिरुलिना का सेवन करने से एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने लगता है और एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है।
4. रक्तचाप को कम करने में मददगार है
स्पिरुलिना निम्न रक्तचाप में मदद करता है। जिन लोगों को हाई बीपी की समस्या हो उन्हें स्पिरुलिना जरूर खाना चाहिए। तीन महीने तक स्पाइरुलिना खाने से लोगों में रक्तचाप का स्तर हमेशा नियंत्रित रहता है।
5. आंत को बनाता है हेल्दी
स्पिरुलिना आसानी से पच जाता है और इसकी कोशिकाएं सख्त रेशेदार नहीं होती हैं। ये आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में कारगर होता है। स्पिरुलिना आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया को संरक्षित करने में मदद कर सकता है। स्पिरुलिना फाइबर से समृद्ध नहीं है, इसलिए जब भी आप इसे खाएं इसके साथ हाई फाइबर खाद्य पदार्थ खाना चाहिए।
स्पिरुलिना अपने पोषक तत्वों के कारण ही नहीं बल्कि अपने औषधिय गुणों के कारण भी सेहतमंद माना गया है। तो इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।