नई दिल्ली: सोलह श्रृंगारों में से पायल न केवल महिलाओं के पैरों की खूबसूरती निखारती है बल्कि उनके स्वास्थ्य को भी कई मायनों में लाभ पहुंचाती है। वहीं वास्तु दृष्टि से अगर देखा जाए तो पायल की आवाज से घर की नकरात्मक शक्तियां कम हो जाती हैं और दैवीय शक्तियां बढ़ जाती हैं।
विज्ञान की नजर से यदि देखा जाए तो चांदी से बनी पायल महिलाओं के शरीर में बदलते हार्मोन्स की परेशानियों को दूर करने के लिए बेहतर मानी जाती है। चूंकि यह पैरों में रगड़ती रहती है इसलिए पायल के धातु के तत्व त्वचा से होते हुए शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं, जिससे पीठ, घुटनों के दर्द, एड़ी और हिस्टीरिया आदि रोगों से राहत मिलती है।
आइये जानते हैं पुराने जमाने से चली आ रही इस परंपरा के पीछे आखिर कितने फायदे हैं...
1. वे महिलाएं जिन्हें पैरों की सूजन की समस्या है उन्हें चांदी की पायल पहनने से काफी लाभ पहुंच सकता है। जी हां, इससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है और पैरों की सूजन से प्राकृतिक तरीके से लाभ मिलता है।
2. इससे शरीर की ऊर्जा हमेशा बनी रहती है। चाँदी एक ऐसी बहुमूल्य धातु है, जो शरीर की ऊर्जा को कभी बर्बाद नहीं होने देती। यह शरीर से निकलने वाली ऊर्जा को दुबारा से शरीर में लौटा देती है।
3. चांदी की पायल पहनने से शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति भी बढ़ती है। यह शरीर की लिम्फ ग्रंथियों को सक्रिय कर देती है।
4. पैरों में चांदी की पायल पहनने से महिलाओं में स्त्री रोग संबंधी विकार, बांझपन, हार्मोनल असंतुलन और प्रसूति संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं।
5. यदि आप अक्सर पैर दर्द, झुनझुनाहट या कमजोरी का सामना कर करती हैं तो पायल आपको इस प्रकार के दर्द से मुक्ती दिला सकती है। इसको पहनने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
Health News in Hindi के लिए देखें Times Now Hindi का हेल्थ सेक्शन। देश और दुनिया की सभी खबरों की ताजा अपडेट के लिए जुड़िए हमारे FACEBOOK पेज से।